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कृत्रिम बाढ़ से निपटने बीएमसी ने मांगी लोगों से मदद

पिछले दिनों हुई बारिश में नगर में कृत्रिम बाढ़ की जो स्थिति उत्प

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Aug 2018 03:42 PM (IST)Updated: Sun, 26 Aug 2018 03:42 PM (IST)
कृत्रिम बाढ़ से निपटने बीएमसी ने मांगी लोगों से मदद
कृत्रिम बाढ़ से निपटने बीएमसी ने मांगी लोगों से मदद

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : पिछले दिनों हुई बारिश में नगर में कृत्रिम बाढ़ की जो स्थिति उत्पन्न हुई थी, उसने शहरवासियों के साथ भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) की ¨चता बढ़ा दी है। राजधानी में बारिश के मौसम में उत्पन्न हुई यह स्थिति केवल इसी साल की नहीं, बल्कि हर साल बरसात में निचले इलाकों में जल जमाव की स्थिति देखी जाती रही है। ऐसे में इस समस्या से निजात के लिए राजधानी के 10 मुख्य नाले ¨चता का कारण बने हुए हैं।

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सूत्रों की माने तो बीएमसी ने इन नालों के नवीकरण के लिए योजना तैयार कर ली है मगर इसमें निजी जमीन रुकावट बनी हुई है। नालों के पूर्ण विकास के लिए जमीन मालिकों को सक्रिय भागीदारी करने के लिए बीएमसी की ओर से अपील की गई है। यदि ड्रेन के पास की जमीन निजी है तो फिर जलनिकासी के लिए मालिक को अपनी जमीन बीएमसी को हस्तांतरित करनी होगी। इसके लिए एक निर्धारित फार्म में आवेदन करना है। उक्त फार्म बीएमसी की वेबसाइट में उपलब्ध है। बीएमसी की तरफ से कहा है गया है कि जहां जरूरत होगी वहां पर निजी मालिकों को जमीन का मुआवजा दिया जाएगा।

बीएमसी ने स्पष्ट किया है कि विकास योजना (सीडीपी) सीमा में आने वाले तथा ड्रेन चैनल के पास के निर्माणों को और नियमित नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो भविष्य में इन्हें तोड़ दिया जाएगा। इन जगहों पर नए निर्माण का नक्शा का भी अनुमोदन नहीं किया जा रहा है। बता दें कि बीएमसी द्वारा एक सर्वेक्षण के आधार पर 10 मुख्य ड्रेन नवीकरण के लिए योजना तैयार कर ली गई है ताकि शहरवासियों को जलबंदी से राहत एवं जलनिकासी की व्यवस्था दुरुस्त की जा सके। सीडीपी 2030 के तहत 10 मुख्य प्राकृतिक ड्रेनेज चैनल के लिए यह योजना बनायी गई है। यह सब किस रास्ते से गुजरेगी यह भी निर्णय ले लिया गया है। सरकारी जमीन के अलावा कुछ जगहों पर निजी जमीन इसमें आ रही हैं। ओडिशा म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन कानून 2003 की धारा 288 के तहत ड्रेन चैनल जाने के रास्ते में यह निर्माण होगा एवं क्षतिपूर्ति क्षतिपूरण बीएमसी कमिश्नर के निर्णय के आधार पर दिया जाएगा। इन प्राकृतिक ड्रेन चैनल के पास रहने वाले जमीन मालिक को अपनी जमीन बीएमसी को हस्तांतरित करने के लिए कहा गया है।

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योजना में आने वाली जमीन मालिक यदि प्राकृतिक ड्रेनेज चैनल विकास के लिए अपनी मर्जी से हस्तांतरण करते हैं तो उन्हें दो लाभ मिलेगा। उन्हें क्षतिपूर्ति मिलने के साथ जीवन भर की समस्या का समाधान मिल जाएगा। निजी जमीन मालिकों को जमीन हस्तांतरित करने के लिए आगे आना चाहिए। यदि कोई जमीन मालिक इस सुयोग का लाभ नहीं लेता है तो फिर उन्हें अपने घर या निर्माण के लिए अनुमोदन या नियमितता अनुमोदन नहीं मिलेगा। आज नहीं तो कल ड्रेन के पास बने सभी गैरकानूनी निर्माण को तोड़ दिया जाएगा।

श्रीमंत मिश्र, डिप्टी कमिश्नर, बीएमसी


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