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कलिंगनगर को इस्पात हब बनाने पर विचार

कलिंगनगर औद्यौगिक इलाके में स्टील हब बनाने के विषय पर भी दोनों नेताओं में सार्थक चर्चा हुई।

By Edited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 05:02 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 04:31 PM (IST)
कलिंगनगर को इस्पात हब बनाने पर विचार

भुवनेश्वर, जेएनएन। राज्य के दौरे पर आए केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरेंद्र सिंह से मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने मंगलवार को मुलाकात कर राज्य तथा देश में इस्पात उद्योग के विकास को लेकर चर्चा की। बाद में इस्पात मंत्री ने कहा है कि मुख्यमंत्री के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार गंभीरता से विचार करेगी। कलिंगनगर को इस्पात हब बनाने के साथ इस्पात उद्योग विकास के बारे में विस्तार से चर्चा हुई है। जानकारी के अनुसार केंद्रीय स्तर पर 2030 तक वाíषक 300 बिलियन टन इस्पात उत्पादन के लिए लक्ष्य रखा गया है। इसमें केवल ओडिशा से 100 बिलियन टन उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने इस्पात मंत्री के सामने राज्य में मौजूद बीजू पटनायक राष्ट्रीय स्टील इंस्टीट्यूट की तरह संपूर्ण भारत में शिक्षा प्रतिष्ठान खोलने का प्रस्ताव रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सन् 2002 से बीजू पटनायक स्टील इंस्टीट्यूट खोला गया। वर्तमान में यह प्रतिष्ठान विभिन्न कोर्स की शिक्षा दे रहा है। केंद्र सरकार ने इसे 2004 में संपूर्ण राष्ट्रीय शिक्षा अनुष्ठान का दर्जा दिया था। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से राज्य में चल रहे विभिन्न स्टील प्लांट के बारे में विस्तार से चर्चा की। कलिंगनगर औद्यौगिक इलाके में स्टील हब बनाने के विषय पर भी दोनों नेताओं में सार्थक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने राउरकेला इस्पात शहरांचल में मौजूद पांच हेक्टेयर जमीन को राज्य गृह निर्माण एवं नगर विकास विभाग को हस्तांतरित करने का भी प्रस्ताव केंद्रीय मंत्री को दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि उक्त जगह एक सीवरेज प्लांट स्थापित करने पर सरकार विचार कर रही है। उन्होंने राउरकेला के लोगों के हित के लिए इस प्रस्ताव को तुरंत मंजूर करने का अनुरोध किया है। बाद में मीडिया से बातचीत में इस्पात मंत्री ने कहा कि ओडिशा में इस्पात उद्योग का विकास होने पर 2030 में 100 बिलियन टन इस्पात उत्पादन लक्ष्य को आसानी से पूरा किया जा सकेगा। तीन साल पहले देश में इस्पात उत्पादन 81 बिलियन टन था। आज यह 102 बिलियन टन पहुंचा है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2020 तक ओडिशा में खदान निगम की छह खदानों की लीज अवधि खत्म हो रही है। इन्हें इस्पात उद्योग जैसे कि इस्पात निगम लिमिटेड, सेल व केवाइसी को हस्तांतरित करने पर विचार किया जा रहा है।


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