धर्मेंद्र प्रधान ने प्रदेश सरकार पर किया कड़ा प्रहार
देश के 115 पिछड़े जिलों की पहचान कर उन जिलों में विकास कार्य तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने योजना तैयार की है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। केंद्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस, कौशल विकास एवं उद्योग मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक बार फिर ओडिशा सरकार पर कड़ा प्रहार किया है। प्रधान रविवार को यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के पिछड़े जिलों के विकास कार्य की समीक्षा करने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभारी अधिकारियों को दायित्व सौंपा है। इस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि देश के 115 पिछड़े जिलों की पहचान कर उन जिलों में विकास कार्य तेज करने के लिए केंद्र सरकार ने योजना तैयार की है।
इसमें ओडिशा के आठ जिले शामिल हैं। विकास कार्यों की समीक्षा करने के लिए प्रत्येक जिला में अतिरिक्त संयुक्त सचिव स्तर के एक अधिकारी को प्रभारी के तौर पर नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार ने एक प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया था। इसके अलावा नीति आयोग ने राज्य सरकार के सचिव स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ जिलाधीश को भी इस कार्य में नियोजित करने का प्रस्ताव दिया है।
इसके बावजूद इसे केंद्र सरकार का एक तरफा निर्णय बताकर प्रभारी अधिकारी व्यवस्था को राज्य सरकार ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है। प्रधान ने कहा कि मुख्य सचिव एक अनुभवी व्यक्ति हैं। उन्होंने किसके दबाव में पत्र लिखा है, यह मुझे नहीं पता है। नीति आयोग ने कई बार इस संदर्भ में मेरे साथ चर्चा की है। प्रधान ने कहा कि इस संदर्भ में मुख्यमंत्री को कुछ पता है या नहीं मुझे नहीं मालूम। मैं आरोप नहीं लगा रहा हूं बल्कि इसकी समीक्षा करने के लिए मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध कर रहा हूं। प्रधान ने कहा कि केवल श्रेष्ठ प्रशासक का तमगा लेकर घूमने से कुछ नहीं होने वाला है। मुख्यमंत्री को इसके लिए दायित्व भी लेना होगा।
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