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तेरह दिन बाद खुले भुवनेश्वर व कटक में आहार केंद्र

चक्रवात फणि के बाद पूरी तरह से बंद होने वाले आहार केंद्र बुधवार को 13 दिन बाद खोले गए।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 May 2019 09:51 PM (IST)Updated: Fri, 17 May 2019 06:39 AM (IST)
तेरह दिन बाद खुले भुवनेश्वर व कटक में आहार केंद्र
तेरह दिन बाद खुले भुवनेश्वर व कटक में आहार केंद्र

जेएनएन, भुवनेश्वर/कटक : चक्रवात फणि के बाद पूरी तरह से बंद होने वाले आहार केंद्र बुधवार को खोले गए। भुवनेश्वर में 11 तथा कटक में 7 आहर केंद्रों को खोल दिया गया जहां बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ देखी गई।

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चक्रवात फणि के गुजरने के बाद खाना पानी को लेकर भुवनेश्वर-कटक में लोगों के बीच किल्लत दिखाई दे रही थी। ऐसे में गरीब लोग जो कि आहार केंद्र पर निर्भर करते थे, वह हर दिन केंद्र आकर खुला कि नहीं, जायजा ले रहे थे। फणि के बाद से बंद पड़े आहर केंद्र न खुलने से लोगों को काफी असुविधा थी। लोगों का कहना है कि जल्द से जल्द आहार केन्द्र खुलता तो गरीब लोगों को खाना-पानी की समस्या से निजात मिल जाता। कटक शहर में मौजूद सात आहार केंद्र खोल दिए जाने से प्रत्येक में बड़ी संख्या में भीड़ देखने का मिल रही है। सीएमसी अधिकारी ने भी इन केंद्रों में जाकर स्थिति का जायजा लिया है। सरकारी मदद से अक्षय पात्र फाउंडेशन की तरफ से यह आहार केंद्र चलाया जा रहा है। पांच रुपये में मिलने वाले भोजन को चक्रवात के कारण अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया था। खासकर एससीबी मेडिकल व शिशु भवन में मरीजों के तीमारदारों को खाने के लिए परेशानी उठानी पड़ी थी।

फणि प्रभावितों की सेवा में जुटी बिरला टायर्स : राज्य का एकमात्र टायर उद्योग बिरला टायर्स इन दिनों चक्रवात फणि से प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने में जुटा है। संस्थान के कर्मचारी पुरी जिला के सातपड़ा पंचायत के आलूपटना गांव जोकि चक्रवात फणि से सर्वाधिक प्रभावित गांव माना जाता है, वहां पर प्रभावितों को पका पकाया खाना और नाश्ता उपलब्ध करा रहे हैं। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय बिरला टायर्स केवल बालेश्वर ही नहीं पूरे राज्य में प्रभावित लोगों के बीच खड़ा रहता है। आने वाले दिनों में यदि कोई अन्य जरूरत पड़ी तो लोगों की सहायता के लिए हम अपनी भूमिका निभाएंगे। उल्लेखनीय है कि बालेश्वर में जितनी बार बाढ़ या प्राकृतिक आपदा आई है। बिरला टायर उद्योग की भूमिका सराहनीय रही है।


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