Cyclone Asani: ओडिशा में स्थल भाग से टकरा सकता है चक्रवात असानी, 5 मई से बंगोप सागर में मौसम में होगा बदलाव
Cyclone Asani News ओडिशा के लोग हर साल ही छोटे-बड़े चक्रवात का सामना करते हैं। एक बार फिर संभावित चक्रवात असानी को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगने लगी है। विशेषज्ञों के आकलन से पता चला है कि ओडिशा के तट से ही चक्रवात आसनी टकराएगा
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। चक्रवात के साथ ओडिशा का संबंध काफी पुराना है। प्रदेश के लोगों को लगभग हर साल छोटे-बड़े चक्रवात का सामना करना पड़ता है। ऐसे में एक बार फिर संभावित चक्रवात असानी को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगने लगी है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार को दक्षिण अंडमान सागर में संभावित चक्रवात आसनी बीज पड़ सकता है।
भारतीय मौसम विभाग का मानना है कि कम दबाव का क्षेत्र का बनना तो निश्चित है, मगर चक्रवात को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट सूचना नहीं है। 5 मई से बंगोपसागर में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद सम्भावित चक्रवात के लैंडफाल को लेकर स्थिति स्पष्ट होगी। हालांकि अधिकांश विशेषज्ञों के आकलन से पता चला है कि ओडिशा के तट से ही चक्रवात आसनी टकराएगा।
मौसम विभाग की माने तो चक्रवात के लिए मौसम पूरी तरह से अनुकूल है। बंगोपसागर में बादलों का समूह एकत्र हो चुके हैं। सेटेलाइट से इसके चित्र भी मिल गए हैं। एक दिन बाद मौसम में बदलाव दिखने लगेगा। इसके 24 घंटे के अन्दर कम दबाव का क्षेत्र बनेगा। सम्भावित चक्रवात को लेकर आईएमडी की लगातार बैठक हो रही है। सिस्टम पैनी नजर रखी जा रही है। आगामी 6 मई को दक्षिण अंडमान सागर में कम दबाव का क्षेत्र बनना तय है। इसके बाद कम दबाव का क्षेत्र अधिक सक्रिय होगा और गहरे दबाव में तब्दील होकर चक्रवात का रूप धार कर सकता है। मिल रही जानकारी के मुताबिक चक्रवात काफी तेज गति से ओडिशा के तट पर लैंडफाल करेगा। हालांकि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही स्पष्ट होगा चक्रवात का मार्ग क्या होगा इसकी रफ्तार क्या होगी। भारतीय मौसम विभाग ने कहा है कि कम दबाव का क्षेत्र बनने के बाद ही चक्रवात की स्थिति स्पष्ट होगी।
वहीं भुवनेश्वर मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि चक्रवात के लिए मानसून पूरी तरह से अनुकूल है। आगामी दो से तीन दिनों में चक्रवात के प्रभाव के बारे में स्पष्ट सूचना मिलेगी। अप्रैल में केन्द्रीभूत होने के बाद 5 मई को स्थल भाग से टकराने वाले चक्रवात फणि की उत्पत्ति एवं आसानी की उत्तपत्ति का स्थल अलग अलग हो सकता है। ऐसे में आसानी, फणि जितना प्रभावी नहीं होने का आकलन किया जा रहा है। हालांक चक्रवात के समय 80 से 90 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान लगाया जा रहा है।