एसआर केस के तौर पर होगी अब ठगी मामलों की जांच
ओडिशा क्राइमब्रांच ने 20 लाख रुपये से अधिक के ठगी के मामलों को स्पेशल रिपोर्ट केस के तौर पर लेते हुए विशेष जांच करने का निर्देश जारी किया है।
जासं, कटक : ओडिशा क्राइमब्रांच ने 20 लाख रुपये से अधिक के ठगी मामले को स्पेशल रिपोर्ट (एसआर) केस के तौर पर लेते हुए उसकी जांच विशेष तौर पर करने का निर्देश जारी किया है। इसके अलावा दूसरे तमाम संवेदनशील मामलों को अब एसपी, डीआइजी, आइजी जैसे अधिकारी एसआर केस के तौर पर लेकर उनकी जांच विशेष तौर पर करेंगे। क्राइमब्रांच की ओर से जारी सर्कुलर के तहत करीब 12 तरह के अर्थ नैतिक ठगी घटना को एसआर केस के तौर पर लिया जाएगा। इसमें एनबीएफसी और जमा संबंधित ठगी, मनी सर्कुलेशन स्कीम ठगी, चिटफंड को-आपरेटिव सोसायटी चिटफंड ठगी, शेयर, सिक्योरिटी ठगी, नौकरी के लिए ठगी, बैंकिंग या क्रेडिट कार्ड के तहत ठगी, जमीन के लिए ठगी, फर्जी नोट कारोबार, स्टांप पेपर के द्वारा ठगी, कंपनी या इंश्योरेंस संबंधित ठगी के साथ पीसीएमसी एक्ट के मामले, ओपीआइडी 2011 के मामले, बैंकिंग ऑफ ऑन रेगुलेटेड स्कीम एक्ट-2019 संबंधित मामलों को एसआर केस के तौर पर लेकर जांच करने का निर्देश सर्कुलर के द्वारा दिया गया है।
क्राइमब्रांच के एडीजी संतोष उपाध्याय ने बताया कि किन अर्थ नैतिक अपराध संबंधित मामलों को एसआर केस के दायरे में लिया जाएगा वह पुलिस मैनुअल रूल में अलग नहीं किया गया है। लेकिन अर्थनैतिक अपराध बढ़ना और उसका असर सामाजिक अर्थनीति पर पड़ता निश्चित तौर पर समाज को प्रभावित कर रहा है। इससे राज्य की आर्थिक स्थिति बिगड़ने का खतरा पैदा हो रहा है। ऐसे में तमाम जिलों के एसपी, डीआइजी, आइजी अगर इस तरह के केस में शामिल होकर जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे तो बेहतर होगा। दूसरी ओर क्राइमब्रांच इकोनामिक ऑफेंस विग अब एक करोड़ से अधिक की ठगी घटनाओं की जांच कर रहा है। इसे भी सर्कुलर में स्पष्ट किया गया है।