Puri Jagannath Temple: महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी के प्रसाद पर विवाद, कानूनी कार्रवाई करने की मांग
Puri Jagannath Temple सो क्विक डॉट इन नामक एक संस्था पिछले एक माह से ऑनलाइन श्री जगन्नाथ जी के महाप्रसाद की बिक्री कर रही है जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी की महाप्रसाद का एक दाना भी मिलने से करोड़ों पुण्य मिलता है। महाप्रसाद पाने के लिए श्री क्षेत्र धाम में देश विदेश से हिंदू धर्मावलंबी भक्त पुरी आते हैं। हालांकि महाप्रभु के इस दुर्लभ महाप्रसाद को लेकर कुछ कुछ लोग एवं अनुष्ठान इसे लाभ जनक व्यापार में तब्दील करने का प्रयास कर रहे हैं। महाप्रभु के अबड़ा एवं सूखा भोग एक संस्था की तरफ से ऑनलाइन में मुहैया किए जाने को लेकर सोशल मीडिया में सूचना आने के बाद इसे लेकर पूरी में सेवक एवं भक्तों के बीच विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
महाप्रभु के महाप्रसाद की है विशेष गरिमा
महाप्रभु के महाप्रसाद की साल भर श्री मंदिर के अंदर बिक्री होती है। मंदिर के बाहर महाप्रसाद बेचने की कोई व्यवस्था नहीं है। महाप्रभु की महाप्रसाद की विशेष गरिमा है। पिछले पांच महीने से चल रहे लॉकडाउन के कारण पूरी शहर के साथ बाहर के लोगों को भी आसानी से महाप्रसाद नहीं मिल पा रहा है। इसी का फायदा उठाकर सो क्विक डॉट इन नामक एक संस्था पिछले एक महीने से पूरी कटक भुवनेश्वर में ऑनलाइन अबड़ा (मंदिर में प्रसाद के रूप में तैयार किया गया खाना) बिक्री कर रही है जबकि राज्य के बाहर सूखा भोग भेज रही है। इसके लिए एक व्हाट्सएप नंबर भी दिया गया है।
श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से मामला दर्ज
इस संदर्भ में एक सामाजिक कार्यकर्ता जयंत दास ने श्री मंदिर प्रशासन के अधिकारी मुख्यमंत्री तथा पुलिस के पास शिकायत करने के बाद यह मामला सामने आया है। इसी तरह के मामले को लेकर श्रीमंदिर प्रशासन की तरफ से भी मामला दर्ज किया गया था। अब एक और संस्था श्रीमंदिर प्रशासन की बिना अनुमति के इस तरह का काम कर रही है। यहां उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारतीय डाक विभाग के जरिए सूखा महाप्रसाद भेजने के लिए श्री मंदिर प्रशासन के पास प्रस्ताव आया था मगर महाप्रसाद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए इस प्रस्ताव पर निर्णय नहीं हो पाया था।
ऐसी स्थिति में सो क्विक डॉट इन द्वारा पिछले एक महीने से ऑनलाइन में महाप्रसाद बिक्री करने का आरोप आने के बाद श्री मंदिर प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने के लिए मांग हो रही है। श्री मंदिर संचालन कमेटी के सदस्य ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहां है कि इस संस्था के खिलाफ कानूनी कार्यवाही होनी चाहिए।