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Odisha: टांगी से दीघा तक बनाया जाएगा कोस्टल हाईवे, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा; लोगों को रोजगार

Coastal Highway ओडिशा में टांगी से दीघा तक कोस्टल हाईवे का निर्माण किया जाएगा। केंद्र सरकार ने 2015 में यह घोषणा की थी मगर पिछले छह सालों से इसका कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। कोस्‍टल हाइवे के नक्‍शे में अब तक दो बार बदलाव किया जा चुका है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 01:00 PM (IST)
टांगी से दीघा तक बनाया जाएगा कोस्टल हाईवे

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा के विस्तृत समुद्री तट एवं चिलिका झील होते हुए एक व्यापार कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके लिए कोस्टल हाईवे निर्माण किया जाएगा। 2015 से केंद्र सरकार ने यह घोषणा की है मगर पिछले 6 सालों से इस पर कार्य आगे नहीं बढ़ पाया। पर्यटन के विकास के साथ व्यापार कॉरिडोर बनाए जाने से अन्य इलाके की अर्थव्यवस्था विकसित होगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। सर्वप्रथम गोपालपुर से पश्चिम बंगाल के दीघा तक 450 किलोमीटर हाईवे बनाने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने नक्शा तैयार किया था। प्रस्ताव था कि चिलिका के ऊपर दो ब्रिज बनाए जाएंगे। इस कोस्टल हाईवे के नक्शे में तीन बार बदलाव किया गया।

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बीजू जनता दल ने जताई आपत्ति

सातपड़ा को नजरअंदाज कर नक्शा बनाए जाने से बीजू जनता दल ने आपत्ति जताई थी। अब 6 जिला होते हुए 400 किलोमीटर रास्ता निर्माण करने के लिए नक्शा तैयार हुआ है। यह मार्ग खुर्दा जिले के टांगी से शुरू होकर ब्रम्हगिरी, पुरी, कोणार्क, अस्तरंग, नाऊगां, पारादीप, रतनपुर, सातभाया, धामरा, वासुदेवपुर, तालपदा, चांदीपुर, चंदनेश्वर होते हुए दीघा को जोड़ेगा। मूल नक्शे में बारंबार परिवर्तन किए जाने से बीजू जनता दल ने विरोध किया जबकि कांग्रेस ने विभिन्न प्रस्ताव दिया। ऋषिकुल्या एवं सुवर्णरेखा नदी को संयोग कर कोस्टल कैनाल का प्रस्ताव कांग्रेस की तरफ से दिया गया है। वहीं राज्य भाजपा नेताओं का तर्क अलग है।

 पिछले 6 सालों से अटका हुआ है प्रोजेक्‍ट

भाजपा के राज्य अध्यक्ष समीर महंती ने कहा है कि कोस्टल हाईवे को लेकर केंद्र सरकार ने अंतिम नक्शा तैयार कर लिया है, जितना जल्दी सरकार जमीन अधिग्रहण करेगी, उतना ही जल्दी यह प्रस्ताव वास्तविक रूप लेगा। पिछले 6 सालों से इस प्रोजेक्ट पर अंतिम निर्णय नहीं हो पा रहा है। ऐसे में मुख्य सचिव सुरेश चंद्र महापात्र की अध्यक्षता में परिवर्तित नक्शे को लेकर विस्तृत रूप से विचार विमर्श किया गया है। यहां उल्लेखनीय है कि इस प्रोजेक्ट के तैयार हो जाने के बाद निश्चित रूप से ओडिशा में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और लाखों लोगों को रोजगार।


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