मुख्यमंत्री का चरित्र उजागर
प्रीम कोर्ट की राय ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया है।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। राज्य में खदान भ्रष्टाचार के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने जो निर्देश दिया है, उससे स्पष्ट हो रहा है कि राज्य सरकार की खदान मालिकों के साथ समान भूमिका है। यह आरोप भाजपा के राज्य महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन एवं भृगुबक्सी पात्र ने बुधवार को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में लगाए।
भाजपा नेताओं ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय से प्रमाणित हो रहा है कि ओडिशा में गैरकानूनी ढंग से लौह अयस्क का उत्खनन किया गया है। सुप्रीम कोर्ट की राय ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के दोहरे चरित्र को भी उजागर किया है। नवीन पटनायक के खिलाफ चल रहे चुनाव कोष, गलत सत्यपाठ एवं बीजद के संदिग्ध अर्थ ग्रहण जैसे मामले को मुख्यमंत्री की तरफ से एडवोकेट अशोक परिजा केस लड़ रहे हैं, जो खदान मालिकों का भी मुकदमा देख रहे हैं।
सांसद पिनाकी मिश्र नवीन पटनायक को दलीय कोष मामले में राजनीतिक सुरक्षा दे रहे हैं एवं अदालत में खदान मालिकों के हित के लिए एवं राज्य के हित के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। इस राय से स्पष्ट हो रहा है कि खदान लीज धारक और किसी को खदान को सब लीज पर नहीं दे सकते हैं। भाजपा नेता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की राय से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि राज्य के अयोग्य लीजधारक के नाम पर खदान देकर फिर राज्य के बाहर के लोगों को इसी खदान को सब लीज पर दिया गया है। विभिन्न मीडिया के मुताबिक 60 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गैरकानूनी कारोबार हुआ है। यदि इस राशि को गरीब लोगों के लिए खर्च किया जाता तो फिर हर घर में शुद्ध पानी की व्यवस्था हो जाती। सभी स्कूल एवं अस्पतालों की स्थिति सुधर जाती। राज्य कार्यालय में आयोजित इस पत्रकार सम्मेलन में भाजपा राज्य प्रवक्ता सज्जन शर्मा एवं पूर्व मंत्री सुरमा पाढ़ी भी उपस्थित थी।
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