Move to Jagran APP

Chhath Puja 2021: कोरोना प्रतिबंध के बीच डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी छठव्रती, घरों की छतों पर सज गए हैं कुंड

Chhath Puja 2021 लोकआस्था के महापर्व छठ पर्व की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। कोरोना संक्रमण के कारण घर की छतों पर ही कुंड बनाकर अस्तचलगामी एवं उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की तैयारी कर ली गई है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 09 Nov 2021 11:51 AM (IST)
Chhath Puja 2021: कोरोना प्रतिबंध के बीच डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी छठव्रती,  घरों की छतों पर सज गए हैं कुंड
महापर्व छठ पर्व की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। नहाय खाय के साथ कोरोना प्रतिबंध के बीच शुरू हुए लोकआस्था के महापर्व छठ पर्व की तैयारी अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। राजधानी भुवनेश्वर एवं कटक में सरकार की तरफ से सामूहिक स्थल पर छठ पूजा करने पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोग अपने-अपने घरों के बाहर एवं छतों के ऊपर कुंड बनाकर अस्तचलगामी एवं उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की तैयारी किए हुए हैं। वहीं जिनके पास अपने घर पर छठ महापर्व की विधि पालन करने की व्यवस्था नहीं है ऐसे काफी संख्या में छठव्रती बिहार, झारखण्ड एवं उत्तर प्रदेश स्थित अपने पैतृक गांव चले गए हैं।

loksabha election banner

केन्द्रीय विद्यालय प्राचार्य (रिटायर) राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक एवं लेखक अशोक पांडेय ने दैनिक जागरण से बातें करते हुए कहा कि सूर्योपासना का यह महापर्व प्रकृति प्रेम, प्रकृति पूजा और प्रकृति भक्ति का पावन संदेश देता है। आइए, हम सब प्रकृति के संग में रहकर छठ के महत्व को अपने जीवन में उतारें और हर तरह से प्रकृति के संरक्षण का भरपूर प्रयास करें। पांडेय ने बताया कि चार दिवसीय छठ महापर्व का आज दूसरा दिन सम्पन्न हुआ है। बीते हुए कल का दिन "नहाय- खाय" का था। आज खरना विधि का पालन किया गया है। बुधवार को सायंकाल डूबते हुए सूरज को पहला अर्घ्य दिया जाएगा और चौथे दिन उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर छठ व्रत धारी अपने व्रत को तोड़ेंगे। ठेकुआ प्रसाद आदि का सेवन करेंगे।

श्रीराम मंदिर के मुख्य पुजारी महारूद्र झा ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि इस बार शाम 4:30 से डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके बाद दुसरे दिन 11 नवम्बर को सुबह 6 बजे से उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण इस साल भी हमने अपने घर की छत के ऊपर विशाल टैब की व्यवस्था की है, जिसमें एक साथ 8 से 10 छठ व्रती पानी में रह सकेंगी और पूजा विधि सम्पन्न कर सकेंगी। पिछले साल की तरह इस साल भी यहां पर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के लिए समाज के कई गणमान्य लोग भाग लेंगे।

इसके अलावा एचआईजी हाउसिंग बोर्ड कालोनी, बरमुंडा स्थित इंजीनियर राजकुमार के घर के छत के ऊपर, यूनिट-3 राममंदिर के पीछे महारूद्र झा के घर की छत के ऊपर, बीजेबी नगर में डी.के. सिंह के घर के बाहर कुंड का निर्माण किया गया है, जिसमें आस-पास की छठव्रती पहुंचकर डूबते हुए एवं उगते हुए भगवान भास्कर को अर्घ्य देंगी। इसके अलावा अन्य राजधानी में रहने वाले लोग अपने अपने घरों में छतों के ऊपर भगवान भास्कर को अर्घ्य देने की व्यवस्था किए हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.