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सीबीआइ बनाम ओडिशा पुलिस के समन पर सियासी घमासान

सीबीआइ बनाम ओडिशा पुलिस के समन को लेकर सूबे में सियासी जुबानी जंग तेज हो गई है।

By Edited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 04:53 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 04:53 AM (IST)
सीबीआइ बनाम ओडिशा पुलिस के समन पर सियासी घमासान
सीबीआइ बनाम ओडिशा पुलिस के समन पर सियासी घमासान

भुवनेश्वर, जेएनएन। सीबीआइ बनाम ओडिशा पुलिस के समन को लेकर सूबे में सियासी जुबानी जंग तेज हो गई है। बीजू जनता दल के दो विधायकों को सीबीआइ समन मिलने के बाद अब भाजपा नेता को ओडिशा पुलिस ने समन थमा दिया है। ऐसे में दोनों दल एक-दूसरे पर राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह का प्रयास कर रहे हैं, ऐसा आरोप लगाकर लोग केंद्र व राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहे हैं।

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लोगों का कहना है कि वर्षो चुप रहने वाली सीबीआइ अचानक चिटफंड भ्रष्टाचार को लेकर कैसे सक्रिय हो गई और डेढ़ साल पहले चार्जशीट होने वाले मामले को ताजा कर ओडिशा पुलिस इतना सक्रिय क्यों हो गई, चर्चा आम है। वहीं, भाजपा एवं बीजद के इस झगड़े पर कांग्रेस ने निंदा की है।

दरअसल, सिशोर चिटफंड घोटाले की जांच करने वाली सीबीआइ द्वारा बीजू जनता दल के विधायक अरुण साहू एवं अतनु सब्यसाची नायक को पूछताछ करने के लिए नोटिस जारी किया गया है। सीबीआइ की नोटिस के बाद ओडिशा पुलिस भी अचानक एक्शन में आ गई है और डेढ़ साल पुराने छतरपुर में बीजद नेता लक्ष्मी दत्त प्रधान हत्याकांड की फाइल खोल दी गई है।

भाजपा नेता गोलक महापात्र एवं भृगुबक्सी पात्र को हाजिर होने के लिए गंजाम पुलिस ने नोटिस भेजा है। इस पर भाजपा ने बदले की भावना से ओडिशा सरकार पर पुलिस का प्रयोग करने आरोप लगाया है। जबकि बीजद अमित शाह के ओडिशा दौरे को देखते हुए सीबीआइ को राजनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग करने का आरोप लगा रहा है। हालांकि सीबीआइ और ओडिशा पुलिस का एक साथ नेताओं के खिलाफ सक्रिय होना नई बात नहीं है। कई बार पहले भी ऐसा हो चुका है।

12 जनवरी 2017 को सीबीआइ ने सिशोर चिटफंड मामले में विधायक प्रभात विशाल, सांसद रवींद्र जेना एवं नवीन निवास में काम करने वाले सरोज साहू के घर पर छापा मारा था। इसके 2 दिन बाद यानी 15 जनवरी को राज्य सतर्कता विभाग ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के भाई के तालचेर में मौजूद गैस एजेंसी पर धावा बोलकर गहन जांच-पड़ताल की थी। इतना ही नहीं, पिछले साल सितंबर में ओडिशा दौरे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने भाषण में कहा था कि लूट करने वाले नेताओं को जेल में डाल दिया जाएगा।

इसके ठीक 10 दिन बाद बीजद के विधायक प्रभात विशाल को गिरफ्तार कर लिया गया था। तब सीबीआइ को राजनीतिक हथियार के तौर पर प्रयोग करने का आरोप लगाते हुए बीजू जनता दल सड़क पर उतर गया था। अब एक बार फिर सीबीआइ और ओडिशा पुलिस के एक साथ सक्रिय होने पर सवाल यह उठता है कि दोनों जांच संस्था आखिर एक ही साथ क्यों सक्रिय होती हैं, यह कोई संयोग है या फिर राजनीतिक प्रतिशोध।

दिखावे के लिए दोनों पार्टियां कर रहीं कार्रवाई

निरंजन पटनायक भाजपा और बीजद नेताओं के नाम पर जारी समन मामले को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने दिखावा बताया है। कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी सभा में कहा था कि भाजपा एवं बीजद में अंदरूनी संपर्क है। ऐसे में ये दोनों पाíटयां एक दूसरे पर इस तरह की कार्यवाही लोगों को दिखाने के लिए कर रही हैं।


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