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राज्य सरकार ने कृषि व किसानों के लिए खोला खजाना

राज्य सरकार ने कृषि एवं किसानों के कल्याण के लिए अपना खजाना खोल दिया हे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 22 Dec 2018 05:01 PM (IST)Updated: Sat, 22 Dec 2018 05:01 PM (IST)
राज्य सरकार ने कृषि व किसानों के लिए खोला खजाना
राज्य सरकार ने कृषि व किसानों के लिए खोला खजाना

जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : राज्य सरकार ने कृषि एवं किसानों के कल्याण के लिए अपना खजाना खोल दिया है। राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने कालिया (किसान असिस्टेंट फॉर लाइबलीहुड एंड इनकम अगमेंटेशन) योजना का शुभारंभ किया है। शुक्रवार शाम को राज्य सचिवालय में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता हुई कैबिनेट मीटिंग में इस योजना को हरी झंडी दी गई है। बैठक खत्म होने के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में आगामी तीन साल के लिए 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा। वित्त वर्ष 2018-19 से 2021-22 तक 5 फसल के लिए यह योजना लागू रहेगी। इसमें 30 लाख से अधिक छोटे किसानों को लाभ मिलेगा। प्रत्येक किसान परिवार को 10 हजार रुपये की मदद सरकार करेगी। खरीफ एवं रवि फसल के लिए 5-5 हजार रुपये आíथक मदद सरकार देगी। किसान अपने जरूरत के हिसाब से इस राशि को खर्च करेंगे। इस योजना में राज्य के 92 प्रतिशत किसानों को लाभ मिलने की बात मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कही है।

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किस किसान के पास कितनी जमीन है, इससे इस योजना का कोई लेना-देना नहीं है। इस योजना का लाभ वास्तविक किसान से लेकर बटैया पर खेती करने वाले किसानों सभी को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा है कि अधिकांश कृषि विकास योजना में भूमिहीन परिवार को लाभ नहीं मिलता था। बकरी पालन, अंडा उत्पादन, बत्तख, मछलीपालन, मसरूम की खेती करने वाले किसानों के लिए प्रत्येक परिवार को 12,500 रुपये की सहायता सरकार देगी। भूमिहीन परिवार को उपरोक्त 7 अनुषांगिक कृषि कार्य में से किसी भी एक को वे अपनी जीविका के रूप में चुन सकते हैं। इसके लिए आगामी तीन साल में सरकार 1250 करोड़ रुपये खर्च करेगी।

इस योजना के तहत भूमिहीन श्रमिकों को भी मदद देने की व्यवस्था की गई है। विभिन्न समय में देखा गया है कि वृद्धावस्था, अक्षमता, रोग तथा विभिन्न कारण से किसान खेती नहीं कर पाते हैं, ऐसे में भूमिहीन श्रमिकों का रोजगार चला जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने उनके परिवार को खेती एवं जीविका उपार्जन के लिए वाíषक 10 हजार रुपये की आíथक सहायता देने का निर्णय लिया है। राज्य में रहने वाले इस तरह के 10 लाख परिवार के लिए कालिया योजना के तहत 1 हजार करोड़ रुपये खर्च करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा इस योजना में किसान एवं भूमिहीन किसान श्रमिकों के लिए 2 लाख रुपये का बीमा करने का भी निर्णय सरकार ने लिया है। दुर्घटना का शिकार होने वाले इन परिवार के सदस्य को अतिरिक्त 2 लाख रुपये बीमा सुरक्षा दी जाएगी। इससे 57 लाख परिवार को लाभ मिलेगा। किसानों को इस योजना के तहत 50 हजार रुपये तक का बिना ब्याज के फसल ऋण दिया जाएगा। इसके लिए आगामी तीन साल 10 हजार 280 करोड़ रुपये सरकार खर्च करेगी। 2021 में कालिया योजना की समीक्षा की जाएगी और फिर जरूरत के हिसाब से इसमें बदलाव किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि राज्य में 32 लाख किसान परिवार हैं। इनमें से 20 लाख परिवार फसल के लिए कर्ज लेते हैं। 12 लाख परिवार फसल कर्ज नहीं लेते हैं। कर्ज लेने वाले 20 लाख परिवार में से 60 प्रतिशत नियमित तौर पर अपना कर्ज जमा कर दे रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि यदि किसानों का कर्ज माफ किया जाता तो फिर मात्र 8 लाख किसान परिवार को ही इसका लाभ मिलता है। किसी भी बटैया किसान या भूमिहीन किसान श्रमिक को इसका लाभ नहीं होता। इस योजना में ग्राम पंचायत स्तर पर कमजोर किसानों के प्रति विशेष ध्यान दिया जाएगा। कालिया योजना एक प्रगतिशील योजना है। इससे राज्य में गरीबी दूर करने में काफी मदद मिलेगी। इस योजना से सभी वर्ग के किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उपरोक्त सहायता राशि डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए प्रदान किए जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही है।

उल्लेखनीय है कि कांग्रेस एवं भाजपा शासित राज्यों में कृषि ऋण माफ घोषणा के बाद राज्य सरकार के ऊपर दबाव बन गया था। ऐसे में राज्य सरकार ने कालिया योजना की घोषणा कर विरोधी दलों के मुंह बंद करने का प्रयास किया है।


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