Move to Jagran APP

सरकार का गांव, गरीब, महिला सहित अदिवासियों पर फोकस

विपक्षी दलों के विरोध के बीच, ओडिशा के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहरा ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीने के लिए 56, 921 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Feb 2019 04:27 PM (IST)Updated: Fri, 08 Feb 2019 07:42 PM (IST)
सरकार का गांव, गरीब, महिला सहित अदिवासियों पर फोकस
सरकार का गांव, गरीब, महिला सहित अदिवासियों पर फोकस

जासं, भुवनेश्वर : विपक्षी दलों के विरोध के बीच, ओडिशा के वित्त मंत्री शशि भूषण बेहरा ने गुरुवार को वित्त वर्ष 2019-20 के पहले चार महीनों के लिए 56,921 करोड़ रुपये का अंतरिम बजट पेश किया, जबकि 2019-20 आर्थिक साल के लिए 1.326 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान ओडिशा विधानसभा में रखा। चुनावी वर्ष होने के चलते बजट में सरकार ने गांव, गरीब, महिला एवं आदिवासियों को रखा है।।

loksabha election banner

बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री शशि भूषण बेहरा ने कहा कि मुख्यमंत्री के थ्रीटी अर्थात संघबद्ध कार्य, स्वच्छता, तकनीकी ज्ञान कौशल के चलते राज्य को सफलता मिली है। 18 साल में राज्य की अपनी आय दोगुनी हुई है। पिछले एक दशक में 80 लाख लोग गरीबी सीमा रेखा के ऊपर उठे हैं। राज्य में 50 प्रतिशत लोग खेती पर निर्भर करते हैं ऐसे में अप्रैल 2019 तक 10 लाख हेक्टेयर जमीन में ¨सचाई की सुविधा मुहैया कर दी जाएगी। सरकार का लक्ष्य है, स्वस्थ ओडिशा, सुखी ओड़शिा। कटक, राउरकेला, बरहमपुर, संबलपुर जैसे शहरों में विश्व स्तरीय सेटेलाइट स्टेडियम बनाया जाएगा। सुंदरगढ़ के 17 ब्लॉक में कृत्रिम घास हॉकी मैदान निर्माण करने की योजना है। इसके अलावा 6 डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे। सभी योग्य भूमिहीन बस्तीवासियों को जमीन का अधिकार दिया जाएगा। श्री जगन्नाथ मंदिर के विकास अबड़ा योजना में 90 करोड़ रुपये, श्रीमंदिर विकास योजना में 5 करोड़ रुपये की व्यवस्था सरकार ने अपने बजट में किया है।

बेहरा ने बताया कि ओडिशा बेहतर आíथक वृद्धि हासिल करने में सफल रहा है जो राष्ट्रीय औसत 7.1 फीसद से अधिक है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय को दोगुना करने में सफल रही है और कालिया योजना शुरू की है। बेहरा ने बताया कि 2019-20 के राजकोषीय राजस्व का राजस्व 1,10,710 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय 1, 02,227 करोड़ रुपये पर काम किया गया है। 8,433 करोड़ रुपये का राजस्व अधिशेष अगले वित्त वर्ष के अंत में अनुमानित है जो कि जीएसडीपी का लगभग 1.6 फीसद होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अनुमानित वित्तीय घाटा 16,193 करोड़ रुपये जीएसडीपी का तीन फीसद होगा।

अंतरिम बजट में कालिया योजना के लिए 4,461 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके बाद ग्रामीण जलापूर्ति के लिए 2935 करोड़ रुपये, बसुधा योजना और मधुबाबू पेंशन योजना के लिए 2120 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बजट को बताया विकास उन्मुखी

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि अंतरिम बजट किसान, महिला एवं एससी-एसटी समर्थक के साथ-साथ विकास उन्मुख बजट है। मुझे खुशी है कि कालिया योजना के लिए अंतरिम बजट में पर्याप्त प्रावधान किया गया है।

बजट में नहीं है कुछ भी नया : भाजपा

भाजपा के राज्य उपाध्यक्ष समीर महांती ने अंतरिम बजट को लोगों को भ्रमित करने वाला बताया है। कहा किबजट में कुछ भी नया नहीं है। बजट ने सभी वर्ग को निराश किया है। लोगों को भ्रमित करने के लिए अंतरिम बजट में प्रयास किया गया है। इस बजट की रूपरेखा बता रही है कि मानो पुरानी बोतल में नया लेबल लगा दिया गया है। चुनाव से पहले यह बजट सरकार का अंतिम बजट है, यह बात मुख्यमंत्री अब समझ गए हैं। ऐसे में नवीन बाबू का उत्साह कम हो गया है। कोई नई घोषणा नहीं की गई है। 2018-19 में योजना खर्च 67 हजार करोड़ रुपये था, मगर 2019-20 में यह घटकर 66 हजार करोड़ पहुंच गया है। 2018-19 के बजट की तुलना में 2019-20 के बजट में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में योजना खर्च भी 10 प्रतिशत बढ़ना चाहिए था। 67 हजार करोड़ के बदले 73700 करोड़ होना चाहिए था। आश्चर्य की बात है कि 2018-19 की तुलना में 1 हजार करोड़ रुपये कम हो गया है। महांती ने कहा कि चुनाव को ध्यान में रखकर कालिया योजना में 4 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राज्य में किसान नाराज हैं, सरकार किसानों से डर गई है। पुराने पाप को योजना के जरिए धोने का प्रयास है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.