तीन विधायक व एक अधिकारी के हाथ में बीजद की कमान: राउत
पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ बीजद नेता विधायक दामोदर राउत की तीखी टिप्पणी से बीजद खेमे में हड़कंप मच गया है।
भुवनेश्वर, जेएनएन। पूर्व मंत्री तथा वरिष्ठ बीजद नेता विधायक दामोदर राउत एक बार फिर अपनी तीखी टिप्पणी को लेकर चर्चा में आ गए हैं और बीजद खेमे में हड़कंप मच गया है। मंगलवार को नई दिल्ली दौरे पर जाने से पहले मीडिया द्वारा दामोदर राउत के खिलाफ आई शिकायत व वक्तव्य को लेकर पूछे गए सवाल पर बीजद सुप्रीम ने स्पष्ट रूप से तो कुछ नहीं कहा, लेकिन यह स्वीकार किया कि मेरे पास शिकायत आयी है, दिल्ली से लौटने के बाद इस पर विचार करूंगा।
मुख्यमंत्री के इस टिप्पणी के बाद विधायक दामोदर राउत के तेवर और तीखे हो गए। उन्होंने कहा कि मंत्री पद, पार्टी के उपाध्यक्ष पद, जिला पर्यवेक्षक पद से तो मुझे पहले ही हटा दिया गया है, अब मेरे खिलाफ इससे अधिक क्या कार्रवाई की जाएगी। अरुण साहू, बबी दास, देवाशीष सामन्तराय एवं एक अधिकारी बीजद को वर्तमान समय
में चला रहे हैं, उसमें मैं नहीं हूं। मैं बीजू जनता दल का विधायक हूं। जिस दिन बीजू शब्द हट जाएगा, मैं पार्टी में नहीं रहूंगा। दामोदर राउत ने विष्णु दास एवं प्रशांत मुदुली को टारगेट करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को पैसा देकर मेरे खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए कहा जा रहा है। सबको पता है कि पार्टी विरोधी कार्य में कौन लोग लगे हैं।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री तथा विधायक दामोदर राउत पिछले कुछ दिनों से सरकार के खिलाफ चारा, ओमफेड एवं समवाय विभाग में हुई धांधली का आरोप लगाते रहे हैं। इसे लेकर जगतसिंहपुर में बीजद की तरफ से उनका विरोध किया गया था। यहां तक कि उनके खिलाफ मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के पास भी शिकायत जगतसिंहपुर के पूर्व विधायक तथा राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष विष्णु चरण दास एवं एरसमा-बालीकुदा विधायक प्रशांत मुदुली कर चुके हैं। मंगलवार को एरसमा-बालीकुदा इलाके के सैकड़ों सदस्य नवीन निवास पहुंचकर दामोदर राउत को पार्टी से बहिष्कार करने की मांग कर चुके हैं।अब पाली नवीन के हाथ में है जो कि अभी दिल्ली में हैं। दिल्ली से आने के बाद नवीन बाबू क्या कदम उठाते हैं, इस पर सबकी नजर टिकी हुई है।
दामोदर राउत कब-कब रहे चर्चा में
कार्यकत्रियों पर जाजपुर की मीटिंग में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर अपमानजनक टिप्पणी (आंगनबाड़ी
महिला वहीं जो पति को छोड़ आए) के बाद शायद पहली बार नवीन पटनायक परेशान दिखायी दिए थे। उन्हें बुलाकर आंगनबाड़ी की महिलाओं से माफी मांगने तक को कह दिया। दामोदर राउत को माफीनामा का वीडियो तक जारी करना पड़ा। बीजद का कांग्रेस के साथ गठजोड़ वाले बयान पर पटनायक को बार-बार सफाई देना पड़ा था। भाजपा और कांग्रेस से समान दूरी रखने का बयान जब नवीन पहले भी दे चुके हैं तो फिर गठजोड़ की संभावना का बयान दामोदर राउत क्यों दे रहे हैं, यह बात शायद नवीन बाबू भी नहीं समझ पा रहे हैं।
मंत्री राउत की जुबान फिसलना नई बात नहीं है। आबकारी मंत्री के पद पर रहने के दौरान उन्होंने सुप्रीमकोर्ट के
निर्णय पर भी प्रतिकूल टिप्पणी करके सरकार को मुसीबत में डाला था। हाईवे से 500 मीटर दूर शराब की दुकानों ले जाने के फैसले पर राउत ने साफ कहा कि यह ओडिशा में संभव ही नहीं है।
इसके बाद उनका विभाग बदल दिया गया था। एक बार अपनी ही पार्टी के तीन नेताओं को भूत कहकर चर्चा में आए बीजद के वरिष्ठ नेता कृषि मंत्री दामोदर राउत ने सफाई में कहा था कि मुख्यमंत्री ने जब उनसे गाड़ी में बैठने को कहा तो गाड़ी में तीन नेता देवाशीष सामंतराय, प्रताप जेना एवं विष्णु दास पहले से बैठे हुए थे। इन्हें देख कर मैं डर गया और इन्हें भूत समझ लिया।
राउत के किस्से तो बीजू पटनायक की सरकार के जमाने से चर्चित रहे हैं। सन 1990 में सुंदरगढ़ की सभा का बसंती बेहरा का किस्सा आज भी लोगों को याद है। तब बीजू कैबिनेट के मंत्री थे। उन्होंने सभा में पंचायत चुनाव में निर्वाचित महिला को लेकर काफी चर्चा में थे। 23 दिसंबर 2017 को ब्राह्मणों को भिखारी तक कह दिया था। बोले, भीख आदिवासी नहीं ब्राह्मण मांगते हैं। पटनायक ने सफाई में कहा था कि किसी भी जाति, नस्ल या धर्म के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने वाले किसी व्यक्ति को मैं नामंजूर करता हूं। उस समय दामोदर राउत को मंत्री परिषद से हटा दिया गया। दामोदर राउत पर अब ओमफेड और सहकारिता विभाग में करोड़ों के घोटाले का आरोप खुलकर लगा रहे हैं।