दो दिन उपवास के बाद महाप्रभु को लगा भोग
रात एक बजकर 20 मिनट पर महाप्रभु की सकाल धूप (सुबह की धूप) करने के बाद महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को खिचड़ी भोग लगाया गया।
भुवनेश्वर, जेएनएन। दो दिन तक उपवास रहने के बाद आखिरकार महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी को भोग लगाया गया है। खबर के मुताबिक मंगलवार की रात तमाम रीति नीति संपन्न किए जाने के बाद करीबन 10 बजकर 50 मिनट पर महाप्रभु को रसोई होम, सूर्य पूजा, द्वारपाल पूजा, गोपाल बल्लभ नीति संपन्न की गई। रात एक बजकर 20 मिनट पर महाप्रभु की सकाल धूप (सुबह की धूप) करने के बाद महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को खिचड़ी भोग लगाया गया।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक गर्भगृह को केवल पालिया सेवायत (महाप्रभु के एक प्रकार के सेवक) को ही प्रवेश को लेकर हाईकोर्ट के निर्देश के बाद से श्रीमंदिर में रीति नीति प्रभावित हुई थी। परिणाम स्वरूप दो दिन तक राज्य के करोड़ों ओडिआ के आराध्य देवता महाप्रभु श्री जगन्नाथ जी को उपवास में रहना पड़ा था। इसे लेकर साधारण लोगों ने कड़ी नाराजगी जाहिर की थी। जगमोहन (महाप्रभु के विराजित स्थल के सामने वाले भाग) से भक्तों के दर्शन पर लगी रोक खत्म होने के बाद भक्तों महाप्रभु का दर्शन तो किए, मगर महाप्रभु के उपवास को लेकर भक्तों के मन में असंतोष साफ देखा गया है। श्रीमंदिर के गर्भगृह में सभी सेवायतों के प्रवेश तथा सहाणमेला (साधारण दर्शन) दर्शन के संदर्भ में पुन: विचार करने को हाईकोर्ट से वरिष्ठ दइतापति सेवायत विनायक दासमहापात्र ने निवेदन किया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से मांगा स्पष्टीकरण
महाप्रभु श्री जगन्नाथ मंदिर में श्रीजीओं की रीति नीति में हो रही गड़बड़ी पर विधानसभा में विरोधी दलों ने जमकर हंगामा मचाया। इस प्रसंग पर सरकार से अपना पक्ष रखने की मांग करते हुए विरोधी दल के सदस्यों ने सदन में शोर-शराबा शुरू कर दिया, जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हुई। शोरशराबा कम नहीं होने पर विधानसभा अध्यक्ष प्रदीप अमात ने परिस्थिति को स्वभाविक करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलायी है। इसके बावजूद जब परिस्थिति स्वभाविक नहीं हुई तो फिर विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शाम 4 बजे तक मुलतवी घोषित कर दिया है। साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने श्रीमंदिर में रीति नीति गड़बड़ी को लेकर सदन में विवरण रखने के लिए राज्य सरकार को निर्देश दिया है। यहां उल्लेखनीय है कि श्रीमंदिर सेवायतों के बीच चल रहे विवाद के चलते महाप्रभु श्री जगन्नाथ को दो दिन तक उपवास रहना पड़ा था।
मंगलवार देर रात को महाप्रभु को भोग तो लग गया मगर अभी भी स्थिति पूरी तरह से सामान्य नहीं हुई है। सेवायतों के इस तरह मनमाने रवैये से करोड़ों भक्तों में नाराजगी देखी जा रही है। ऐसे में जगन्नाथ भक्त भी सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में विधानसभा में विरोधी दलों के हंगामे के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सरकार से इस पर स्पष्टीकरण देने को निर्देश दिया है।