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Bharat Bandh Impact: ओड़िशा में मिलाजुला असर, प्रदर्शनकारियों ने बंद करवायी दुकानें; ट्रेनों को रोका

Farmers protest Bharat Bandh भुवनेश्वर समेत ओड़िशा के अन्य शहरों में भारत बंद का मिला-जुला असर देखा जा रहा है। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोककर प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और दुकान बाजार खुले मिले उसे पिकेटिंग कर बंद करा दिया।

By Babita KashyapEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 10:33 AM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 10:33 AM (IST)
Bharat Bandh Impact: ओड़िशा में मिलाजुला असर, प्रदर्शनकारियों ने बंद करवायी दुकानें; ट्रेनों को रोका
भारत बंद का मिला-जुला असर राजधानी भुवनेश्वर एवं ओड़िशा के अन्य शहरों में देखा गया है।

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। किसान संगठन (Farmers Organization) की तरफ से आहुत भारत बंद (Bharat Bandh) पालन का मिला-जुला असर राजधानी भुवनेश्वर एवं ओड़िशा के अन्य शहरों में देखा गया है। सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक 12 घंटे वाले इस बंद के कारण आम लोगों को नाना प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ा है। विभिन्न जगहों पर सुबह-सुबह पिकेटिंग करते हुए दुकान व बाजारों को बंद कराया गया। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों को रोककर प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया है। किसान संगठन के भारत बंद को देखते हुए ओड़िशा सरकार ने पहले ही विभिन्न शिक्षानुष्ठान को बंद कर दिया था।

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 जानकारी के मुताबिक भुवनेश्वर, कटक, भद्रक, बालेश्वर आदि शहरों में बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला है। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग को कुछ समय के लिए अवरुद्ध कर दिया था, जिससे यातायात सेवा बाधित हुई है। राजधानी में पलासुनी चौक पर, रेलवे स्टेशन, वाणी विहार, मास्टर कैंटीन आदि जगहों पर प्रदर्शनकारियों विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जहां भी दुकान बाजार खुले मिले उसे पिकेटिंग कर बंद करा दिया। भद्रक में बंद का खासा असर सुबह के समय देखा गया। 16 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग पर बंत चौक के पास किसान संगठन के कार्यकर्ता राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरोध किए हैं। परिणामस्वरूप दोनों तरफ वाहन खड़े रहे। दुकान बाजार, दफ्तर को सम्पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। किसान संगठन की तरफ से विभिन्न जगहों पर पिकेटिंग की गई। बंद को कांग्रेस एवं समाजवादी पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन दिया है।

 कृषि कानून प्रसंग पर केन्द्र एवं किसानों के बीच सहमति ना बनने से अब हम अपने आभिमुख्य को कठोर किए हैं। वहीं तेल दर, रसोई गैस की कीमत बढ़ने से आम जनता में भी केन्द्र सरकार के प्रति आक्रोश का माहौल है जिसका असर भी बंद के दौरान देखने को मिला है। किसान संगठनों ने कहा है कि जब तक कृषि कानून को वापस नहीं लिया जाता है तब तक हमारा आन्दोलन जारी रहेगा।


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