रसगुल्ला की मान्यता की लड़ाई तेज करेगी ओडिशा सरकार
वित्तमंत्री शशि भूषण बेहेरा ने कहा है कि ओडिशा के रसगुल्ला को भौगोलिक मान्यता प्रदान के लिए उपयुक्त तर्क एकत्र किए जा रहे हैं।
जासं, भुवनेश्वर। ओडिशा के रसगुल्ला को भौगोलिक मान्यता (जीआइ) प्रदान करने के लिए आगामी अगस्त माह के पहले सप्ताह में ओडिशा सरकार चेन्नई स्थित जीआइ अधिकारियों के पास विस्तृत तथ्यों वाली एक रिपोर्ट दाखिल करेगी। जीआइ कार्यालय की तरफ से 14 विषय पर तथ्य की मांग की गई है। कागजात दाखिल करने के लिए ओडिशा सरकार ने समय की मांग की थी। ऐसे में सभी तथ्य आगामी 21 अगस्त तक जमा करने को राज्य सरकार के पास समय है। बावजूद इसके अगस्त के पहले सप्ताह में ही सरकार की तरफ से सभी तथ्य दाखिल करने की बात राज्य उद्योग मंत्री प्रफुल्ल सामल ने कही है।
वित्तमंत्री शशि भूषण बेहेरा ने कहा है कि ओडिशा के रसगुल्ला को भौगोलिक मान्यता प्रदान के लिए उपयुक्त तर्क एकत्र किए जा रहे हैं। सरकार ने इस संबंध में कुछ तथ्य दिए हैं और कुछ बाकी है। वह मिलने के बाद ओडिशा के रसगुल्ला के मान्यता को लेकर जीआइ अधिकारी निर्णय लेंगे। ओडिशा में रसगुल्ले का प्रचलन काफी पुराना है। निलाद्री बिजे के दिन श्रीमंदिर में रसगुल्ला का भोग लगता है। इससे पता चलता है कि ओडिशा से ही रसगुल्ले की उत्पत्ति हुई है। ओडिशा के रसगुल्ला को जीआइ मान्यता को लेकर सरकार ने 23 फरवरी को आवेदन किया था। 22 जून को जीआइ कार्यालय की तरफ से 14 तथ्य मांगे गए थे।
रसगुल्ले की उत्पत्ति को लेकर ओडिशा एवं पश्चिम बंगाल के बीच विवाद है। पश्चिम बंगाल पहले ही आवेदन कर बंगाल के रसगुल्ला के लिए जीआइ मान्यता प्राप्त कर चुका है।