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Cyclon Fani: भयंकर हुआ चक्रवाती तूफान फानी, होगी भीषण तबाही; पर्यटकों को पुरी छोड़ने की सलाह

Cyclon Fani ओडिशा के 17 जिला में रेड अलर्ट घोषित तूफान फानी 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है आगे राज्य के सभी शिक्षा अनुष्ठान को बंद करने का निर्देश दे दिया गया है।

By BabitaEdited By: Published: Wed, 01 May 2019 09:57 AM (IST)Updated: Wed, 01 May 2019 10:11 AM (IST)
Cyclon Fani: भयंकर हुआ चक्रवाती तूफान फानी, होगी भीषण तबाही; पर्यटकों को पुरी छोड़ने की सलाह

भुवनेश्वर, जेएनएन। बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवात तूफान फानी ने अब भयंकर रूप धारण कर लिया है। 7 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा समुद्री तूफान फेनी वर्तमान समय में पुरी से 700 किलोमीटर की दूरी पर है। चक्रवाती तूफान 3 मई को चांदबाली गोपालपुर के बीच स्थल भाग से टकराने का अनुमान किया गया है। ऐसे में इस दौरान 180 से 190 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चलेगी तथा भारी से भारी बारिश होगी। पूरी, खुर्दा, गंजाम, जगतसिंहपुर में डेढ़ मीटर से अधिक ऊंचा समुद्री लहर उठने का अनुमान है। इसीलिए पुरी शहर में रहने वाले सभी पर्यटकों को पुरी छोड़ देने की सलाह दी गई है।

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बंदरगाह में खतरे का निशान लगा दिया गया है। मछुआरों को समुंद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गई है।चक्रवाती तूफान को देखते हुए राज्य के 17 जिलों में रेड अलर्ट घोषित किया गया है। 11 जिला में चुनाव चरण विधि को हटा दिया गया है। इस दौरान होने वाली सभी परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया है सरकारी कर्मचारियों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। पूरी भद्रक जगतसिंहपुर गंजाम गजपति आदि जिलों में एनडीआरएफ टीम को भेज दिया गया है। लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए अनुरोध किया गया है। गंजाम, खुर्दा, पुरी, गजपति, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, बालेश्वर, भद्रक जिलों में चक्रवाती तूफान के भीषण तबाही मचाने का अनुमान किया गया है। इन जिलों में बिजली खंभों के उखड़ने, पेड़ गिरने, कच्चे घरों के गिरने की संभावना जताई गई है। तूफान के दौरान ट्रेन सेवा को बंद रखने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही लोगों को घर से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई है।

 

मुख्य सचिव आदित्य प्रसाद पाली ने कहा है कि राज्य सरकार चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। सभी प्रकार की व्यवस्था सरकार की तरफ से तूफान से निपटने के लिए की गई है। समुद्र के किनारे रहने वाले गांव के लोगों को वहां से हटाने के लिए माई के जरिए प्रचार किया जा रहा है। पर्याप्त मात्रा में खाद्य दवा पानी मौजूद रखा गया है। राज्य में 20 ओड्राफ टीम तथा 18 एनडीआरएफ टीम तैनात कर दिया गया है। विशेष राहत आयुक्त विष्णु की ने कहा है कि चक्रवाती तूफान से मुकाबला करने के लिए सभी प्रकार के इंतजाम कर लिए गए हैं। 

इन जिलों में किया गया है येलो अलर्ट

मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 2 मई को गजपति, गंजाम, पूरी, खुर्दा, रायगड़ा कंधमाल जिला में येलो अलर्ट जारी किया गया है।

इन जिलों में किया गया है रेड अलर्ट

उसी तरह से 3 मई को पूरी, गणपति, गंजाम, खुर्दा, नयागढ़, कटक, जगतसिंहपुर, जाजपुर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, बालेश्वर, कंधमाल, रायगड़ा, अनुगुल, ढेंकानाल, केंदुझर, मयूरभंज जिला में रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही इन जिलों में भारी से भारी बारिश होने की चेतावनी भी जारी की गई है।

गौरतलब है कि दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान ‘फानी’ को लेकर गृह मंत्रालय के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर (एनईआरसी) की तरफ से एडवाइजरी जारी की गई है। ओडिशा के साथ तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल एवं आंध्र प्रदेश के लिए यह एडवाइजरी जारी की गई है। साथ ही तीन केंद्र शासित प्रदेश अंडमान-निकोबार, पुडूचेरी एवं लक्ष्यद्वीप के लिए भी एडवाइजरी जारी की गई है। फानी चक्रवात को ध्यान में रखते हुए स्थिति पर नजर रखने के साथ इससे निपटने को कदम उठाने के लिए सरकार को एनइआरसी की तरफ से कहा गया है। एनइआरसी की तरफ से जारी एडवाइजरी के मुताबिक सोमवार रात ढाई बजे फेनी श्रीलंका ट्रिंकोमाली  के पूर्व-उत्तर पूर्व में 640 किमी दूरी  पर है। इसी तरह से चेन्नई से 710 किमी. दूरी पर है, जबकि आंध्रप्रदेश के मछलीपटनम से 810 किमी. दूरी पर था। एक मई शाम तक यह उत्तर-पश्चिम की तरफ गति कर सकता है। इसके बाद उत्तर पूर्व की दिशा में गति करते हुए ओडिशा की तरफ बढ़ने की संभावना है। फेनी के प्रभाव से ओडिशा के दक्षिण तट पर मध्यम बारिश होने की संभावना है।

तीन व चार मई को तटीय ओडिशा के कुछ जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। इस दौरान 40 से 50 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान है। तीन मई को हवा गति और बढ़ जाएगी तथा स्थल भाग छूने के समय 80 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी। दो से चार मई तक समुद्र अशांत रहेगा, ऐसे में मछुआरों को समुद्र में न जाने की हिदायत दी गई है।  

195 किलोमीटर प्रति घंटे से चलेंगी हवाएं

अभी चक्रवाती तूफान की रफ्तार 80-90 किलोमीटर प्रतिघंटे की बनी हुई है। इसके चलते 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही हैं। गुरुवार तक चक्रवात के अत्यधिक गंभीर होने पर 170-180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की आशंका है जो 195 किलोमीटर प्रतिघंटे तक जा सकती हैं। 

तटवर्ती इलाकों में तेज बारिश की संभावना

मौसम विभाग का कहना है कि ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल के तटवर्ती इलाकों में कहीं हल्की, कहीं सामान्य तो कहीं बहुत ज्यादा भारी बारिश होने की संभावना है।

ओडिशा ने अधिकारियों को सतर्क किया

चक्रवाती तूफान ‘फानी’ के संभावित खतरे के मद्देनजर ओडिशा सरकार ने अपने दक्षिणी और तटीय जिलों को सतर्क कर दिया है, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। हालांकि अधिकारी ने यह भी कहा कि तूफान के राज्य में आने की संभावना नहीं है। अधिकारी ने कहा कि सभी 880 चक्रवात केंद्रों के अलावा ओडीआरएएफ (ओडिशा डिजास्टर रैपिड एक्शन फोर्स) की 20 इकाइयों, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की 12 इकाइयों और 335 अग्निशमन इकाइयों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

जानिये कैसे-कैसे होते हैं अलर्ट

मौसम विभाग समय-समय पर ऐसे अलर्ट्स जारी करता है। क्या आपको पता है कि मौसम के बारे में सचेत करने के लिए भी कुछ चुनिंदा रंगों का प्रयोग किया जाता है। जैसे रेड अलर्ट, येलो अलर्ट या फिर ऑरेंज अलर्ट। मौसम विभाग के अनुसार अलर्ट्स के लिए रंगों का चुनाव कई एजेंसियों के साथ मिलकर किया गया है।

खासकर भीषण गर्मी, सर्द लहर, मानसून या चक्रवाती तूफान आदि के बारे में जानकारी देने के लिए इन रंगों के अलर्ट का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे-जैसे मौसम अपने चरम की ओर बढ़ता है, वैसे-वैसे अलर्ट गहरा लाल होता चला जाता है। इसी तरह किसी चक्रवाती तूफान की भीषणता भी इन्ही कलर कोड से होती है। जितना भीषण चक्रवात उतना ही ज्यादा लाल अलर्ट होता जाता है।

किस अलर्ट का क्या मतलब...

ग्रीन - कोई खतरा नहीं

येलो अलर्ट - खतरे के प्रति सचेत रहें। मौसम विभाग के अनुसार येलो अलर्ट के तहत लोगों को सचेत रहने के लिए अलर्ट किया जाता है। यह अलर्ट जस्ट वॉच का सिग्नल है।

ऑरेंज अलर्ट - खतरा, तैयार रहें। मौसम विभाग के अनुसार जैसे-जैसे मौसम और खराब होता है तो येलो अलर्ट को अपडेट करके ऑरेंज कर दिया जाता है। इसमें लोगों को इधर-उधर जाने के प्रति सावधानी बरतने को कहा जाता है।

रेड अलर्ट - खतरनाक स्थिति। मौसम विभाग ने बताया कि जब मौसम खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो रेड अलर्ट जारी किया जाता है।  


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