मछली पकड़ने के जाल में फंसा विशालकाय कछुआ, ऐसे बची जान
ओडिशा के मयूरभंज के जम्भिरा बांध में एक कछुआ मछली पकड़ने के जाल में फंस गया लोगों ने मिलकर उसे जाल से निकाला और बांध में छोड़ दिया।
भुवनेश्वर, एएनआइ। ओडिशा के मयूरभंज जिले में सोमवार को स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों की मदद से एक विशालकाय कछुए को बचाया गया। जिला वन अधिकारी स्वयं मल्लिक के अनुसार, "ये कछुआ जम्भिरा बांध में मछली पकड़ने के जाल में फंस गया था, लोगों की मदद से इसे जाल में से निकाला गया और बांध में छोड़ दिया गया"।
कछुओं के लेकर आये दिन ओडिशा से खबरें आती रहती हैं। अभी कुछ दिन पहले ओडिशा के गंजाम जिले के ऋषिकुल्या नदी के समुद्री संगम स्थल पर सैकड़ों की संख्या में नन्हें अलिव रिडले कछुए रेत के अंदर बने अपने घरों से समुद्र की ओर जाते हुए नजर आये थे। दरअसल कुछ दिन पहले ही अलिव रिडले कछुओं ने सामूहिक अंडादान किया था। आमतौर पर ये कछुए रात के समय अण्डादान करते है लेकिन इस बार ये दिन के समय अंडादान करते हुए देखे गये थे। पांच दिनों में लगभग 34 हजार आलिव रिडले कछुओं के सामूहिक अण्डादान की खबर आयी थी। जिसकी वजह से प्रयागी से लेकर चटेश्वर तक के समुद्री तट पर आम नागरिकों के आने-जाने पर रोक लगा दी गयी थी।
गौरतलब है कि गहिरमथा में 1996-97, 1997-98, 2001-02, 2007-08 व 2013-14 में समूह अंडादान प्रक्रिया नहीं हुई थी। विरल प्रजाति के इन कछुओं ने समुद्र किनारे आने के बावजूद भी अंडदान नहीं किया था और हजारों कछुओं की मौत भी हो गई थी। इस साल भी इनके अंडदान करने की क्रिया को लेकर संदेह था, लेकिन इस बार 14 मार्च से अलिव रिडले कछुए अंडादान प्रक्रिया में शामिल हुए। पांच दिन में लगभग 2 करोड़ 5 लाख 10 हजार नन्हें कछुए अंडों से निकलकर समुद्र में चले गये। वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इतनी अधिक संख्या में कछुओं के जन्म की घटना 10 साल में पहली बार हुई।