Migrant workers: स्टेशन में जबरन उतरे महाराष्ट्र से लौटे प्रवासी श्रमिक, 36 रवाना; 24 फंसे
Migrant workers महाराष्ट्र के मुंबई-हावड़ा मेल से ओडिशा लौट रहे 60 श्रमिकों में से 36 श्रमिक ब्रह्मपुर के लिये रवाना हो गये और 24 श्रमिक राउरकेला में फंस गये।
राउरकेला, जागरण संवाददाता। महाराष्ट्र के मुंबई-हावड़ा मेल से ओडिशा लौट रहे 60 श्रमिक सोमवार की आधी रात को राउरकेला रेलवे स्टेशन में जबरन उतर गये। ब्रह्मपुर के 36 श्रमिक एक-एक हजार रुपये भाड़ा देकर निजी बस से अपने गांव के लिए रवाना हो गये पर केन्द्रापाड़ा व अन्य क्षेत्रों के 24 श्रमिक राउरकेला में फंस गये हैं। प्रशासन की ओर से भी उनकी सुध नहीं ली गयी जिसे लेकर उनमें भारी असंतोष है।
महाराष्ट्र के मालडी स्टेशन से ओडिशा के 60 प्रवासी श्रमिकों को मुंबई-हावड़ा मेल अपने घरों तक भेजने के लिए महाराष्ट्र सरकार की ओर से व्यवस्था की गयी थी। सरकार की ओर से उन्हें इसके लिए टिकट मुहैया कराया गया था। मुंबई से हावड़ा जा रही ट्रेन से रात को पहले वे झारसुगुड़ा स्टेशन में उतरना चाहा पर वहां के अधिकारियों ने उन्हें राउरकेला जाने तथा वहीं से सारी सुविधा मिलने की बात कह कर उतरने नहीं दिया गया।
राउरकेला स्टेशन में भी इन श्रमिकों को उरतरने से रोका जा रहा था पर वे जबरन यहां उतर गये। रात करीब ग्यारह बजे इनके उरतने के बाद रेल पुलिस के द्वारा द्वितीय श्रेणी प्रतीक्षालय में रखा गया। यहां से गृह क्षेत्र में जाने की कोई सुविधा नहीं होने के कारण ब्रह्मपुर के 36 श्रमिक एक-एक हजार रुपये चंदा कर बस भाड़े में लिया और रवाना हो गये पर केन्द्रपाड़ा के 19, बालेश्वर के तीन तथा जगतसिंहपुर जिले के दो श्रमिकों के पास पैसे नहीं होने के कारण यहां फंस गये। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र में वे एक ठेका कंपनी में निर्माण का काम करते थे।
काम बंद होने के कारण वे किसी तरह दो महीने तक वहां रुके थे। फिर महाराष्ट्र सरकार की ओर से घर लौटने के लिए टिकट का प्रबंध करा दिया गया। यहां उनके लिए कोई सुविधा नहीं है। बस वाले प्रत्येक यात्री से सात-सात सौ रुपये मांग रहे हैं। रेलवे स्टेशन में न तो नाश्ता और न ही भोजन ही मिला। दोपहर तक कोई अधिकारी सुध लेने नहीं पहुंचा।