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ओडिशा के विकास पर हुआ मंथन, देश विदेश के प्रमुख 1200 कंपनियों के सचिवों ने लिया हिस्सा

इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया का 50वां गोल्डेन जुबली राष्ट्रीय सम्मेलन।

By BabitaEdited By: Published: Sat, 01 Sep 2018 11:11 AM (IST)Updated: Sat, 01 Sep 2018 11:11 AM (IST)
ओडिशा के विकास पर हुआ मंथन, देश विदेश के प्रमुख 1200 कंपनियों के सचिवों ने लिया हिस्सा
ओडिशा के विकास पर हुआ मंथन, देश विदेश के प्रमुख 1200 कंपनियों के सचिवों ने लिया हिस्सा

भुवनेश्वर, जेएनएन। इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेट्री ऑफ इंडिया के 50वें गोल्डेन जुबली नेशनल कांफ्रेस में शुक्रवार को देश-विदेश के 1200 कंपनी सचिवों ने ओडिशा के विकास की संभावना पर विस्तार से चर्चा की। राजधानी भुवनेश्वर में आयोजित सम्मेलन में भारत की तमाम बड़ी कंपनियों के सचिव उपस्थित थे। सम्मेलन में के दौरान कंपनी सचिवों को ओडिशा में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया। 

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इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि आगामी दिनों में ओडिशा ग्लोबल इकोनॉमिक सेंटर बनेगा। उन्होंने कहा कि ओडिशा में 480 किमी तक समुद्री सीमा होने के साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा पोर्ट पारादीप हैं। प्रधान ने कहा कि कांग्रेस ने भारत की इकोनॉमिक को बर्बाद कर दिया था। गलत लोन दिए थे, उन्हें रिकवर करने का काम मोदी सरकार ने किया। उन्होंने भूषण पावर एंड स्टील का भी उदाहरण दिया।

इस मौके पर प्रधान ने नोटबंदी पर राहुल गांधी के आरोप को गलत बताया। प्रधान ने कहा कि आज भारत में नंबर ऑफ रिटर्न फाइल डबल हो गई है। 18 लाख लोग जो टैक्स नहीं देते थे, उनकी जांच की जा रही है। लोगों के घरों में जो पैसे पड़े हुए थे आज वे चलन में हैं, बैंकिंग सिस्टम में आ गए हैं। डिजिटिलाइजेशन बढ़ा है। प्रधान ने सभी सचिवों से ओडिशा में निवेश करवाने के लिए अनुरोध किया।

इस अवसर पर कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट की सेंटर काउंसिल की सुपरविजन के लिए भारत सरकार की तरफ से चुने गए राजेश शर्मा ने कहा कि आज यहां भारत की जितनी भी बड़ी कंपनियां हैं उनके सचिव उपस्थित हैं। उनके साथ ओडिशा में संभावना पर विस्तार से चर्चा हुई है। उन्हें यह समझाया गया है कि ओडिशा हर तरह व्यापार के लिए सबसे बेहतर स्थान है।

यहां पर खदान, पानी, सड़क, परिवहन व मैन पावर सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हैं। ऐसे में उन्होंने सभी सचिवों से अपने बोर्ड में यहां के बारे में जानकारी देने का आग्रह किया। शर्मा ने कहा कि अंग्रेज जब भारत में आए थे तो सबसे पहले पूर्वी भारत में वे जूट आयरन एवं चाय व्यवसाय में घुस कर व्यवसाय किया। अंग्रेज आने से पहले पूर्वी भारत सबसे समृद्ध राज्य हुआ करता था मगर आज पिछड़ा हुआ है।

उसे एक बार फिर समृद्ध बनाने में आप सब अपना योगदान दें। भारत सरकार कई योजनाएं चला रही है, इनमें सरकार के साथ मिलकर नए एवं समृद्ध भारत निर्माण में सहयोग करने का आह्वान किया। इस अवसर पर इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरी के अध्यक्ष मकरंड लेले भी प्रमुख रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर एक स्मारिका का भी विमोचन किया गया। 


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