Move to Jagran APP

मठ-मंदिर सुरक्षित रहने पर ही धर्म सुरक्षित रहेगा: शंकराचार्य

ओडिशा के छह दिवसीय दौरे पर आए नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर विक्रम शाहदेव ने रविवार को पुरी के श्रीमंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 12 Feb 2018 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 12 Feb 2018 12:31 PM (IST)
मठ-मंदिर सुरक्षित रहने पर ही धर्म सुरक्षित रहेगा: शंकराचार्य
मठ-मंदिर सुरक्षित रहने पर ही धर्म सुरक्षित रहेगा: शंकराचार्य

भुवनेश्वर, जासं। गोवर्धन पीठाधीश जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के 25वें पटाभिषेक महोत्सव के मौके पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय विद्वत संगोष्ठी का समापन हो गया। अपने संबोधन में जगतगुरु शंकराचार्य ने कहा कि वैदिक सनातन धर्म की स्थापना के लिए आदि शंकराचार्य से लेकर आज तक प्रयास जारी है। राकेट के युग में सरकार जो यंत्र तैयार कर या अविष्कार कर विकास करना चाहती है, इससे यह संभव नहीं है। मठ-मंदिरों की सुरक्षा होनी चाहिए।

loksabha election banner

मठ-मंदिर सुरक्षित रहने से धर्म सुरक्षित रहेगा। धर्म सुरक्षित रहने से प्रजा सुरक्षित रहेगी। ऐसे में इस पर चिंतन की जरूरत है। समापन समारोह में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक समेत नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेन्द्र बीर विक्रम शाहदेव ने भी शिरकत की। इस मौके पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि गुरु परंपरा में जगतगुरु शंकराचार्य सर्वश्रेष्ठ गुरु हैं।

समाज में आध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार की दिशा में वे अपना मार्गदर्शन जारी रखे हुए हैं। मुझे विश्वास है कि आगे भी वे अपना यह प्रयास जारी रखेंगे। मुख्यमंत्री ने जगतगुरु की पुस्तक 'गणित शास्त्र' का विमोचन किया एवं जगतगुरु को चांदी से निर्मित गणेश जी की प्रतिर्मूित भेंटकर उनका आशीर्वाद लिया। जगतगुरु शंकराचार्य ने भी मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस उत्सव में शामिल नेपाल नरेश ज्ञानेन्द्र बीर विक्रम शाहदेव ने मुख्यमंत्री को उपहार स्वरूप रूद्राक्ष भेंट किया। रविवार सुबह नौ बजे नीलकंठ पति की अध्यक्षता व प्रफुल्ल रथ के संयोजन में शुरू हुए विद्वत संगोष्ठी के चौथे सत्र में प्रताप चन्द्र षाड़ंगी ने शंकर दर्शन एवं राष्ट्र के सुशासन शीर्षक संदर्भ सबके सामने रखा। डॉ. रामचन्द्र मिश्र ने राष्ट्रीय संहति एवं जगतगुरु शंकराचार्य विषय पर अपने विचार व्यक्त किए।

नेपाल के पूर्व राजा बीर विक्रम ने किए महाप्रभु के दर्शन

ओडिशा के छह दिवसीय दौरे पर आए नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र बीर विक्रम शाहदेव ने रविवार को पुरी के श्रीमंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान सुबह 9:30 बजे से तीन घंटे तक श्रीमंदिर आम दर्शनार्थियों के लिए बंद रहा। नरेश और उनके परिवार का मंदिर के पुजारियों और श्रीमंदिर के संरक्षक एवं महाप्रभु के प्रथम सेवक गजपति महाराज दिव्र्यंसह देव ने स्वागत किया। नेपाल नरेश मंदिर के दक्षिणी द्वार होते हुए श्रीमंदिर में प्रवेश कर रत्र्न ंसहासन के पास पहुंचे। यहां उन्होंने शालग्राम और स्वर्णमुद्रा र्अिपत कर विशेष नीति के अनुसार पूजा-अर्चना कर श्री जगन्नाथ से जनकल्याण की कामना की। उल्लेखनीय है कि श्रीमंदिर, पुरी के साथ नेपाल राजघराने का पुराना संबंध होने के कारण मंदिर में महाप्रभु के दर्शन करने के लिए आने पर नेपाल नरेश को पुरी के गजपति की तरह विशेष अधिकार प्राप्त है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.