कोरोना महामारी के बीच बढ़ी नारियल पानी की मांग: फिर भी किसानों को नहीं मिल रहा है फायदा
कोरोना महामारी (Coronavirus) के कारण नारियल पानी (coconut water) की मांग काफी बढ़ गई है लेकिन इस बढ़ी हुई मांग का फायदा होल सेलर एवं रिटेलर तो उठा रहे हैं इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। सरकारें एवं परिस्थितियां बदलती रहती हैं, मगर नहीं बदलता है तो देश के किसानों का भाग्य। समय के साथ किसानों द्वारा उत्पादित सामग्री की कीमत तो बढ़ती है मगर इस बढ़ी हुई कीमत का सही मायने में लाभ जिसे मिलना चाहिए उसे नहीं मिलता है और आज ऐसा ही कुछ ओडिशा के नारियल किसानों के साथ भी होता दिख रहा है।
फायदेमंद है नारियल पानी
कोरोना महामारी के बीच नारियल की मांग भी बढ़ी है क्योंकि नारियल के एंटीऑक्सीडेंट्स और पोषक तत्व आपके शरीर के लिए फायदेमंद तो होते ही हैं, नारियल पानी में कम कैलोरी होने की वजह से ये वजन घटाने में भी मदद करता है। सामान्यत: एक नारियल में लगभग 200 से 250 मिलीलीटर पानी होता है। इस पानी में पोटैशियम, मैग्नीज, सोडियम, कैल्शियम के अलावा प्रोटीन और फाइबर भी होता है, ऐसे में कोरोना महामारी के बीच नारियल पानी की मांग तेजी से बढ़ गई है। हालांकि इस बढ़ी हुई मांग का फायदा होल सेलर एवं रिटेलर तो उठा रहे हैं, इसका लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है।
तीन गुणा बढ़ जाती है नारियल की कीमत
जानकारी के मुताबिक ओडिशा में एक नारियल के बदले इसकी बागवानी करने वाले किसान को 10 से 12 रुपये मिलता है, जो यहीं पर खुले बाजार में 30 से 35 रुपये में बेचा जा रहा है। अर्थात किसान से उपभोक्ता तक पहुंचने में नारियल की कीमत तीन गुणा बढ़ जाती है। परास्नातक, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग, आईआईटी, खड़गपुर एवं सह संस्थापक ग्राम समृद्धि ट्रस्ट विशाल सिंह ने दैनिक जागरण से बात करते हुए बताया कि नारियल का व्यापार एक दो नहीं बल्कि चारण चरण में होता है। पहला है कि किसान से संग्रहकर्ता एक नारियल 10 से 12 रुपये में खरीदता है और फिर दुसरा वही संग्रहकर्ता होलसेलर को प्रति नारियल 12 से 15 रुपये के हिसाब से बेचता है। इसके बाद तीसरा होलसेलर प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में ले जाता है और उसे रिटेलर को 18 से 20 रुपये या फिर बाजार के हिसाब से और अधिक दर में बेचता है। इसके बाद चौथा फिर रिटेलर उसी नारियल को 30 से 35 या फिर इससे भी अधिक दर में बेचता हैं।
नारियल की खेती में पांचवें स्थान पर ओडिशा
यहां उल्लेखनीय है कि नारियल की खेती के मामले में देश में पांचवां स्थान ओडिशा का है। प्रदेश में 50910 हेक्टेयर जमीन में नारियल की खेती होती है। ओडिशा सरकार से मिले आंकड़े के मुताबिक यहां से हर साल 34.17 करोड़ नारियल का उत्पादन होता है। एक हेक्टेयर जमीन में 6712 नारियल की पैदावार होती है। हालांकि इस पैदावार का जितना लाभ नारियल की खेती करने वाले किसान को मिलना चाहिए वह नहीं मिलता है।