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Odisha assembly Monsoon session : सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में भाजपा व कांग्रेस

29 सितम्बर से शुरु होने वाले ओडिशा विधानसभा के मानसून अधिवेशन में कोविड संचालन में भ्रष्टाचार एवं कृषि बिल पर संसद में केन्द्र को समर्थन देने जैसे मुद्दे पर प्रमुख विरोधी पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस सरकार को सदन में घेरने की तैयारी कर रही है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 02:21 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 02:21 PM (IST)
Odisha assembly Monsoon session : सदन में सरकार को घेरने की तैयारी में भाजपा व कांग्रेस
ओडिशा विधानसभा का मानसून अधिवेशन 29 सितम्बर से

भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। ओडिशा विधानसभा का मानसून अधिवेशन 29 सितम्बर से शुरु हो रहा है। ऐसे में सदन में सरकार को घेरने के लिए सदन में प्रमुख विरोधी पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस पहले से ही रणनीति तैयार करने में जुट गई है। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने कहा है कि कोविड इलाज के लिए मेडिकल सामग्री खरीदने में राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों ने धांधली की है और इस संबन्ध में लोकायुक्त के पास मामला भी दायर हुआ है। इन भ्रष्ट अधिकारियों को किस प्रकार से कानून के बल पर सुरक्षा दी जाएगी, उसकी पूरी व्यवस्था राज सरकार कर रही है। अर्थात जुलाई महीने में भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मामला दायर होने के बाद अगस्त महीने में महामारी कानून में संशोधन कर उन अधिकारियों को बचाने के लिए सरकार ने अध्यादेश कार्यकारी किया है। यह किस से प्रकार हुआ, इस पर मानसून अधिवेशन में राज्य सरकार से जवाब मांगा जाएगा। आगामी 28 सितम्बर को शाम 5 बजे कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी। 

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कांग्रेस विधायक दल के नेता मिश्र ने कहा है कि सरकार ने कोरोना महामारी नियंत्रण एवं इलाज सेवा के लिए 7 अप्रैल को महामारी कानून संशोधन किया था। पीपीई कीट एवं मास्क खरीद में हुए भ्रष्टाचार को लेकर तथ्य प्रमाण सामने आने के बाद 27 जुलाई को लोकायुक्त के पास मामला दायर हुआ। इस भ्रष्टाचार में राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के शामिल होने का भी आरोप है। लोकायुक्त कानून के तहत सरकार कहीं फंस न जाए इसके लिए अगस्त महीने में महामारी ( दूूूूूसरी  बार संशोधन) अध्यादेश 2020 कैबिनेट अनुमोदन किया गया है।

संपृक्त अध्यादेश नंबर 10 बटा 2020 को पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए पिछले 31 अगस्त को विज्ञप्ति प्रकाशित की गई। इस अध्यादेश में व्यवस्था के अनुसार, एक अधिकारी यदि कोई कानून उल्लंघन करता है तो फिर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए फौजदारी मामला दायर किया जा सकेगा। इसके तहत दो साल तक सश्रम कारावास एवं जुर्माना वसूल करने की व्यवस्था है। हालांकि इसमें राज्य सरकार यदि चाहेगी तो सम्पृक्त अधिकारी को बचाने के लिए मामले का रफा दफा कर पाएगी। संपृक्त अधिकारी अपने अपराध के लिए अर्थ जमा करने के बाद उसके खिलाफ रहने वाला फौजदारी मामला आगे नहीं चलेगा।

कांग्रेस विधायक दल के नेता ने कहा है कि कोरोना संचालन में व्यापक भ्रष्टाचार हुआ है। सदन में कांग्रेस जिन प्रसंगों पर अधिक महत्व देगी, वह विधायक दल की बैठक में स्थिर किया जाएगा। इस अधिवेशन में केन्द्र सरकार का कृषि बिल किस प्रकार से किसान विरोधी है एवं बीजद ने संसद में इस बिल का किस प्रकार से समर्थन किया है, उसे भी सदन में उठाया जाएगा।


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