कोरोना काल में भी कम नहीं हुआ धन उगाही का मोह, रंगे हाथ पकड़े गए 12 अधिकारी
कोरोना काल में भी कुछ सरकारी अधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों में धन उगाही का मोह खत्म नहीं हुआ है। 24 दिन के अन्दर 12 घूसखोरों को पकड़ा गया है।
भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोविड के खिलाफ इन दिनों पूरी दुनिया जंग लड़ रही है। दिन प्रतिदिन लोग अपनी आजीविका खोते जा रहे हैं तो कई लोग अपनों को खो रहे हैं। लगातार कोरोना अपनी काया विस्तार करते जा रहा है ऐसी विकट परिस्थिति और कितने दिनों तक रहने वाली है, यह किसी को नहीं पता है। इस संकट को टालने के लिए सरकार एवं प्रशासन ने कमर कस लिया है। अपने कर्तव्य से भी आगे बढ़कर काम करने वाली पुलिस को कोविड योद्धा की मान्यता मिली है। सरपंच को जिलाधीश की मान्यता मिली हुई है।
शासन प्रशासन के साथ हर कोई इस मुकाबले में अपना योगदान दे रहा है। इस तरह के संकट के समय में भी कुछ सरकारी अधिकारी एवं जन प्रतिनिधियों में धन उगाही का मोह खत्म नहीं हुआ है। जून महीने में वह भी 24 दिन के अन्दर ऐसे लालची, घूसखोर 12 अधिकारियों को सतर्कता विभाग ने दबोचा है। 24 दिन के अन्दर 12 घूसखोरों का पकड़ा जाना पिछले दो साल का रिकार्ड होने की बात कही जा रही है। इन घूसखोरों में ओएएस अधिकारियों से लेकर महिला सरपंच तक शामिल हैं।
इन घूसखोर अधिकारियों की सूची इस प्रकार हैं-
4 जून को घूस लेने के आरोप में बालीअंता तहसीलदार रश्मिरेखा प्रधान को सतर्कता विभाग ने गिरफ्तार किया था। उनके साथ डाटा एंट्री आपरेटर धनेश्वर साहू को भी गिरफ्तार किया गया था। एक जमीन का किस्म बदलने के लिए डाटा एंट्री आपरेटर के जरिए 1 लाख 20 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा गया था।
5 जून को मालकानगिरी के समन्वित शिशु विकास योजना (आईसीडीएस) सुपरवाइजर गीतांजलि स्वांई को सतर्कता विभाग ने दबोचा था। कन्दीगुड़ा गांव के आंगनबाड़ी केन्द्र में रसोई एवं यूनिफार्म खरीद का बिल पास करने के लिए गायत्री नायक एवं अन्य तीन आंगनबाड़ी कर्मचारी से 4500 रुपये घू(स लेते पकड़ी गई थी।
10 जून को सतर्कता विभाग ने बलांगीर केन्दुलिफ डीएफओ प्रणव कुमार महांति एवं डिप्डी रेंजर त्रिलोचन देहुरी को सतर्कता विभाग ने दबोचा। केन्दुपत्र बांधने के काम के लिए 10 लाख 37 हजार रुपये की बिल पास करने के लिए 1 लाख 66 हजार रुपये परसेंटेज ले रहे थे।
11 जून को खुर्दा जिले के धलापथर पुलिस चौकी के एएसआई आशीष पंडा को सतर्कता विभाग ने दबोचा था। जमीन मामले को रफा दफा कराने के लिए 20 हजार रुपये घूस लेते हुए रंगे हाथ दबोचा था।
12 जून को मयूरभंज जिले के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अभय कुमार त्रिपाठी को सतर्कता विभाग की टीम ने दबोचा। त्रिपाठी बारीपदा से लौट रहे थे कि बेतनटी के पास सतर्कता विभाग के अधिकारी उन्हें रोककर उनके वाहन की तलाशी ली तो उनके वाहन से 3 लाख 91 हजार रुपया मिला। इन रूपयों के बारे में जब पशु चिकित्सा अधिकारी से पूछा गया तो वह सही जवाब नहीं दे पाए और उन्हें सतर्कता विभाग की टीम ने दबोच लिया।
20 जून को कालाहांडी जिले के दुर्गम क्षेत्र थुआमूल रामपुर थाना महुलपाटना पुलिस चौकी के एएसआई मलय रणा को सतर्कता विभाग ने दबोचा। महेश्वर सागर के दुर्घटनाग्रस्त ट्रैक्टर को छोड़ने के बदले वह 5 हजार रुपये घूस ले रहे थे।
22 जून को पाटणागड़ एनएसी के जूनियर इंजीनियर देवी प्रसाद मिश्र को सतर्कता विभाग ने दबोचा था। प्रधानमंत्री आवास योजना में रामपुर टंगधर कुम्हारंग की फाइनल बिल करा देने के लिए वह घूस ले रहे थे।
25 जून को गंजाम जिले के जगन्नाथ प्रसाद थाना के सब इंस्पेक्टर सिद्धार्थ गौड़ ने थाना के अन्दर घुस लेते हुए पकड़े गए थे। एक झड़प मामले को रफा-दफा करने के लिए पी.राजा सेनापति से वह 3000 रुपये घूस ले रहे थे कि सतर्कता विभाग ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया।
26 जून को मालकानगिरी उप जिलाधीश कार्यालय के वरिष्ठ क्लर्क अक्षय नायक को 80 हजार रुपये घुस लेते हुए सतर्कत विभाग ने दबोचा था। वह मेडिकल चौक पर लगाई गई 144 धारा हटाने के लिए जीवन मंडल से से घूस ले रहे थे।
27 जून को सतर्कता विभाग ने मुख्यमंत्री द्वारा घोषित जिलाधीश की क्षमता पाने वाली महिला सरपंच को दबोच लिया। महिला सरपंच 20 हजार रुपये घुस लेते समय कोरापुट जिला दशमन्तपुर ब्लाक अन्तर्गत मुजांगर की सरपंच रइला माझी ने एक पोखरी खुदवाने के लिए शिकायतकर्ता गंगाधर साइंटांग से 20 हजार रुपये घूस ले रही थी कि सतर्कता विभाग ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया।