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Odisha: किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में डीजीपी ने कहा-हम शर्मिदा हैं

Teenager Misbehaviour Case In Odisha. किशोरी से पहले थाने में सामूहिक दुष्कर्म व गर्भवती होने पर गर्भपात कराने से संबंधित मामले में गाज गिरनी शुरू हो गई है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:54 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:54 PM (IST)
Odisha: किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में डीजीपी ने कहा-हम शर्मिदा हैं
Odisha: किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म मामले में डीजीपी ने कहा-हम शर्मिदा हैं

जागरण संवाददाता, राउरकेला। ओडिशा में प्रेम-प्रसंग की जानकारी के बाद लगभग चार महीने पूर्व घर से निकाली गई एक किशोरी से पहले थाने में सामूहिक दुष्कर्म व ढाई माह बाद गर्भवती होने पर सरकारी अस्पताल ले जाकर गर्भपात कराने से संबंधित मामले में गाज गिरनी शुरू हो गई है। पुलिस महानिदेशक अभय ने बीरमित्रपुर थाने के पूर्व थानेदार आनंद माझी को बर्खास्त कर दिया है। उसे अनुगुल जिले के हंदपा अंचल के जंगल से क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार भी कर लिया है। यह जानकारी पुलिस महानिदेशक अभय ने ट्वीट कर दी है। यह भी लिखा है कि एक कार्यरत पुलिस अधिकारी द्वारा इस तरह की कार्रवाई ने पुलिस विभाग को शर्मिंदा और अपमानित किया है। डीजीपी ने कहा कि हम लड़की से माफी मांगते हैं।

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मालूम हो कि बीरमित्रपुर (जिला सुंदरगढ़) इलाके में एक 13 वर्षीय किशोरी से दो पुलिस अधिकारियों व तीन लोगों ने दुष्कर्म किया। जब पता चला कि वह गर्भवती हो गई है तो चुपके से उसे सरकारी अस्पताल ले गए और गर्भपात भी करा दिया। इसके बाद उसे बाल गृह भेज दिया। वहां काउंसिलिंग के दौरान किशोरी ने जब आपबीती सुनाई तो हड़कंप मच गया। जिलाधीश ने भी तत्काल जांच का आदेश दिया। जांच में आरोपों की पुष्टि होने के बाद इस मामले को क्राइम ब्रांच के हवाले कर दिया गया। मामले में थानेदार सहित छह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था। इनमें से पांच आरोपित अभी फरार चल रहे हैं।

बीरमित्रपुर में किशोरी के दुष्कर्म, गर्भवती होने के बाद अवैध रूप से गर्भपात के मामले में पुलिस, चाइल्ड लाइन एवं बाल सुरक्षा अधिकारी की ओर से छानबीन की जा रही है। वहीं, पीड़िता को पॉक्सो कोर्ट, सुंदरगढ़ में पेश किया गया। यहां जज ने उसके पुनर्वास, शिक्षा एवं सामाजिक सुरक्षा समेत अन्य समस्याओं के संबंध में जानकारी ली। राउरकेला में शुक्रवार को धारा 164 के तहत पीड़िता का बयान रिकार्ड किया गया था। इससे पहले पुलिस तथा शिशु सुरक्षा कमेटी ने भी उससे पूछताछ की थी। इस मामले में पुलिस अधिकारी व चिकित्सक का नाम होने के कारण एसपी सौम्या मिश्रा ने भी पीड़िता से मिलकर पूरा घटनाक्रम जाना था। इस मामले में जिला मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा भी जांच कर जिलापाल को रिपोर्ट सौंपी गई है। गर्भपात के बाद पीड़िता को राउरकेला सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अब उसकी हालत में सुधार आ रहा है।


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