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Online Education: इस राज्‍य के 22 लाख बच्चों को मिल रही है ऑनलाइन शिक्षा, 38 लाख वंचित

Online Education ग्रामीण एवं आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के पास एंड्रायड फोन ना होना के कारण है 64 प्रतिशत छात्र-छात्रा शिक्षा से वंचित हैं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 08:27 AM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 08:27 AM (IST)
Online Education: इस राज्‍य के  22 लाख बच्चों को मिल रही है ऑनलाइन शिक्षा, 38 लाख वंचित
Online Education: इस राज्‍य के 22 लाख बच्चों को मिल रही है ऑनलाइन शिक्षा, 38 लाख वंचित

भुवनेश्वर, शेषनाथ राय। कोरोना संक्रमण के कारण शिक्षानुष्ठान बंद रहने से सरकार ने विकल्प के तौर पर ऑनलाइन शिक्षा देने का निर्णय लिया और पहले व्हाट्सएप पर बच्चों को पढ़ाया गया, फिर दूरदर्शन पर 10वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को पढ़ाया गया। इसके बाद मधु एप एवं दीक्षा पोर्टल के जरिए सरकारी विद्यालय के छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने की व्यवस्था की गई। हालांकि सरकार द्वारा विभिन्न एप के माध्यम से बच्चों को शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है, मगर सरकार के इस व्यवस्था का लाभ सभी 60 लाख छात्र-छात्राओं के पास नहीं पहुंच पा रहा है। जानकारी के मुताबिक मात्र 36 प्रतिशत अर्थात 22 लाख छात्र-छात्रा ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं। बाकी बचे 38 लाख अर्थात 64 प्रतिशत छात्र-छात्रा पिछले तीन महीने से ऑनलाइन शिक्षा से वंचित हैं।

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ऑनलाइन तथा डिजिटल शिक्षा के माध्यम

लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं। ऐसे में ऑनलाइन तथा डिजिटल शिक्षा के माध्यम से बच्चों के पास पहुंचने का प्रयास विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग ने किया था। प्रारंभिक चरण में अप्रैल महीने में भुवनेश्वर एवं खुर्दा जिले में यह व्यवस्था शुरु की गई थी। इससे कुछ हद तक सफलता भी मिली। इसके बाद इस व्यवस्था को राज्य के सभी जिलों व्हाट्सएप के माध्यम से छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने के लिए विद्यालय के प्रधान शिक्षक एवं प्रधान शिक्षिका से कहा गया। 

 व्हाट्सएप से शिक्षा 

कक्षा के मुताबिक व्हाट्सएप समूह बनाकर शिक्षक, शिक्षिकाएं छात्र-छात्राओं को शिक्षा दे रहे हैं। इसके बाद भी कुछ जगहों पर खामिया हैं। कहीं पर छात्र-छात्राओं को विषय वस्तु तक नहीं मिली है तो कहीं पर व्हाट्सएप उपलब्ध ही नहीं है। जिस समय शिक्षक-शिक्षिका ऑनलाइन में पढ़ा रहे हैं, उस समय बच्चे ही उपलब्ध नहीं रहते हैं। इस तरह की समस्या दिखाई देने से अब विद्यालय एवं जनशिक्षा विभाग की तरफ से कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी के जरिए खामियों एवं समस्या का अनुध्यान कर किस कारण से समस्या आ रही है, उसकी रूपरेखा तैयार करने को कहा गया है।

ऑनलाइन शिक्षा से वंचित बच्‍चे 

सूचना के मुताबिक ओडिशा के शहरी क्षेत्र में सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्रा ऑनलाइन शिक्षा का लाभ पा रहे हैं। भुवनेश्वर के साथ कटक, राउरकेला, सम्बलपुर, बालेश्वर, अनुगुल, ब्रह्मपुर, जयपुर, पुरी, बारीपदा जैसे शहर में रहने वाले सरकारी विद्यालय के 50 प्रतिशत छात्र-छात्रा व्हाटसएप, मधु एप एवं दीक्षा पोर्टल के जरिए शिक्षा का लाभ ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों में काफी संख्या में छात्र-छात्रा व्हाटसएप के जरिए शिक्षा का लाभ ले रहे हैं मगर नेटवर्क की सुविधा ना होने से सभी अभिभावक के पास एंड्राएड फोन उपलब्ध न होने के कारण कई बच्चे ऑनलाइन शिक्षा पाने से वंचित हो रहे हैं। आदिवासी प्रभावित क्षेत्र तथा दूरदराज के क्षेत्र में रहने वाले छात्र-छात्रों को ऑनलाइन शिक्षा के बारे में तो अभी तक कुछ पता ही नहीं है। 

बनायी गई जांच कमेटी 

विद्यालय एवं जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने इस संबंध में कहा है कि 22 लाख बच्चों तक हम लोग पहुंच पाए हैं। अधिक से अधिक संख्या में छात्र-छात्राओं को किस प्रकार से जोड़ा जाए, इसके लिए तीन जांच कमेटी बनायी गई है। कमेटी सभी विषयों पर अनुध्यान कर रिपोर्ट देने को कहा गया है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे का कदम उठाया जाएगा।


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