लंबी अवधि को ध्यान में रखकर करें आपदा प्रबंधन
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन में अग्रिम प्रस्तुति लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने तथा पुनर्निर्माण करने पर विशेष जोर दिया है।
जागरण संवाददाता, भुवनेश्वर : मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने प्राकृतिक आपदा प्रबंधन में अग्रिम प्रस्तुति, लोगों को तुरंत सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने तथा पुनर्निर्माण करने पर विशेष जोर दिया है। शुक्रवार को राज्य स्तरीय प्राकृतिक आपदा कमेटी बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि आपदा का संचालन गतिशील, सामूहिक एवं सहभागी आधारित होना चाहिए। आपदा संचालन का मूलमंत्र है कि लंबी अवधि को ध्यान में रखकर अग्रिम तैयारी जरूरी है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रशासन को स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग व्यवस्था का अनुपालन करने की सलाह देते हुए कहा कि सामूहिक संचालन में हमारे पहले के अनुभव आज हमें कोविड को नियंत्रण करने में काफी मददगार साबित हो रहे हैं। पिछले तीन महीने से कोरोना महामारी ने राज्य के लोगों के दैनिक जीवनधारा को बुरी तरह से प्रभावित किया है। राज्य में इस बीमारी को नियंत्रण करने के लिए उठाए जा रहे कदम के विभिन्न कारण ही आज ओडिशा बेहतर स्थिति में है। इस अवसर पर कोविड मुकाबला में लोगों से मिल रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को धन्यवाद दिया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा एक आपदा प्रभावित राज्य है। पहले भी हमने इस तरह की स्थिति का सामना किया हैं, ऐसे में किसी भी परिस्थिति से मुकाबला करने के लिए हम तैयार हैं। मुख्यमंत्री ने फणि, बुलबुल एवं एम्फन जैसे चक्रवात का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों के सहयोग से इन तमाम आपदाओं का मुकाबला करने में राज्य को सफलता मिली है और हमने पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल की भी मदद करने में सक्षम हुए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर समय आपदा से हम सीख लेते हैं और आगे आने वाली आपदा के लिए अपनी तैयारी को और बेहतर करने निरंतर प्रयास करते हैं। अनुभव से शिक्षा एवं अगली तैयारी को बेहतर करने की हमारी निरंतर प्रक्रिया के कारण ही हमें हर क्षेत्र में सराहना मिलती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून वायु ठीक समय पर पहुंची है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक इस साल अच्छी बारिश होगी। जून से अक्टूबर महीना हम सबके लिए महत्वपूर्ण है। इन तमाम आपदाओं के लिए हमें अपनी तैयारी की निरंतर समीक्षा करने की जरूरत है। राज्य आपदा संचालन मंत्री सुदाम मरांडी ने कोविड से लेकर एम्फन, बुलबुल आदि से निपटने के लिए सरकार की तरफ से उठाए जाने वाले कदम के बारे में जानकारी दी।
वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए हुई इस बैठक में राज्य मंत्रिमंडल के सभी सदस्य, विरोधी दल नेता, सांसद, विधायक प्रमुख उपस्थित रहकर आपदा मुकाबले के लिए अपने विचार रखे।
आपदा नियंत्रण के लिए सरकार ने उठाए ये अग्रिम कदम : एक जून से 30 नवंबर तक प्रत्येक जिले के सदर महकमा में नियंत्रण कक्ष खोल दिया गया है। टेलीफोन की सुविधा जहां पर नहीं है, वहां 15 अस्थाई वीएचएफ केंद्र बनाने के लिए कदम उठाए गए हैं। 20 ओड्राफ टीम को जरूरी सहायता के लिए तैयार रखा गया है। विभिन्न नदी बांध में 49 जगहों पर कमजोर होने की पहचान की गई है एवं उसे मजबूत करने की व्यवस्था की गई है। शहरी क्षेत्र में बारिश एवं बाढ़ का पानी निकासी के लिए कदम उठाए गए हैं। वन्यजंतु वाले क्षेत्र में अगले दो से तीन महीने के लिए जरूरी सामग्री मौजूद रखने, स्वास्थ्य केंद्र में अत्यावश्यक दवा तथा विशोधन सामग्री रखने को कहा गया है। राज्य में मौजूद 879 बाढ़ आश्रय स्थल की जांच कर 796 की मरम्मत कर दी गई है।