ओडिशा में दिखे विरल प्रजाति के अलिव रिडले कछुए, 5 दिन में दिये 34 हजार अण्डेे
गंजाम के ऋषिकुल्या नदी के समुद्री संगम स्थल पर इन दिनों अलिव रिडले कछुए सामूहिक अंडादान कर रहे हैं पांच दिन 34 हजार से ज्यादा अण्डादान की खबर है।
भुवनेश्वर, जासं। ओडिशा के गंजाम जिले में विरल प्रजाति के कछुए देखे जाने की खबर है। गंजाम के ऋषिकुल्या नदी के समुद्री संगम स्थल पर इन दिनों अलिव रिडले कछुओं का सामूहिक अंडादान कार्यक्रम चल रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि आमतौर पर रात के समय अण्डादान करने वाले अलिव रिडले कछुए दिन के समय समुद्री तट पर अण्डादान करते देखे जा रहे हैं।
सामूूहिक अण्डादान
गंजाम जिले में अब तक पिछले 5 दिन के अंदर 34 हजार से ज्यादा आलिव रिडले कछुओं के सामूहिक अण्डादान की खबर है। वन विभाग ने कछुओं के सामूूहिक अण्डादान को देखते हुए सुरक्षा के आवश्यक कदम उठाए हैं। प्रयागी से लेकर चटेश्वर तक के समुद्री तट पर आम नागरिकों के आने जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस विस्तृत समुद्री तट पर अलिव रिडले कछुए रात में तथा दिन में भी अण्डादान करते देखे जा रहे हैं।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
विशेषज्ञ इसे जलवायु परिवर्तन का प्रभाव मान रहे हैं। अब तक वेसे ऋषिकुल्या मुहाने के पोडमपेटा मुहाने में पहली बार आलविनो प्रजाति के विरल कछुए नजर आए हैं। आमतौर पर भारतीय समुद्री तटों पर इन आलविनों कछुओं को नहीं देखा जाता है। पोडमपेटा मुहाने में आलविनों कछुओं के आने से प्रकृति प्रेमी तथा परिवेशविद खासे उत्साहित हैं। ये विरल प्रजाति के कछुए अलिव रिडले कछुओं से आकार में बडे होते हैं। इनका वजन 50 किलो तक का होता है और इनके शरीर पर अलिव रिडले की तरह कोई चिन्ह नहीं होता है, इनकी आंखों के आस-पास गुलाबी रंग इन्हें आकर्षक बनाता है।
वन विभाग के सूत्रों के अनुसार इस साल कुल 2 लाख 6 हजार से अधिक अलिव रिडले कछुए यहां अण्डादान कर चुके हैं। वन विभाग ने अण्डों की सुरक्षा में विभागीय कर्मचारी, पुलिस बल एवं सामाजिक संगठनों की सहायता ली है। विभाग ने आम नागरिकों से कछुओं की सुरक्षा की अपील की है।
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