ओडिशा के मंदिरों में प्राचीन मूर्तियों की बढ़ रही चोरी की घटनाएं, INTACH ने प्रकट की चिंता
ओडिशा के मंदिरों में प्राचीन मूर्तियों की चोरी और मूर्तियों के अवैध निर्यात को लेकर नॉन प्रॉफिट संस्था इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (INTACH) ने चिंता प्रकट की है।
भुवनेश्वर, पीटीआइ। ओडिशा के मंदिरों में प्राचीन मूर्तियों की चोरी और मूर्तियों के अवैध निर्यात को लेकर नॉन प्रॉफिट संस्था इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज (INTACH) ने चिंता प्रकट की है। उन्होंने राज्य सरकार से इन घटनाओं को रोकने के लिए समग्र नीति (holistic policy) बनाने का आग्रह किया है, जो इन घटनाओं पर सख्त कार्रवाई कर सके। इस संगठन के सदस्य अमिया भूषण त्रिपाठी (Amiya Bhusan Tripathy) ने मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटना पर खेद व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने कहा लोगों के अंदर प्रचीन मूर्तियों के महत्व को लेकर जागरुकता की कमी है। जिसके चलते ऐसी घटनाओं को लगातार अंजाम दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सामान्य कानून से इस प्रकार की घटनाओं को रोकने में कोई कमी नहीं दिख रही है। इसलिए इन घटनाओं को रोकने के लिए राज्य में समग्र नीति बनानी होगी। जो इस प्रकार की घटनाओं से निपटने के लिए कारगार सिद्ध होगी। शुक्रवार को राज्य में इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चर हेरिटेज के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ओडिशा में लगभग 22 हजार प्राचीन पूजा स्थल है, जहां के मंदिरों में भगवान की पत्थर और मेटल की मूर्तियां रखी गई है। इस सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 95 फीसद मंदिरों में मुर्तियों का पंजीकरण नहीं है। मौजूदा कानून को भी उन्होंने प्रचीन मूर्तियों को सुरक्षित ना रख पाने के लिए कमजोर बताया। साथ ही ऐसे क्राइम को रोकने के लिए नए कानून बनाने के लिए जरुरत बताई।
INTACH के प्रोजेक्ट समन्वयक कोऑर्डिनेटर अनील धीर ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि राज्य में अलग-अलग मंदिरों से कम से कम 300 बहुमूल्य मूर्तियां गायब हैं। यह रिपोर्ट एक सर्वे के आधार पर जारी की गई है। उन्होंने बताया कि भद्रक सिटी में पिछले दशक में मूर्ति चोरी होने के 20 केस सामने आए थे, लेकिन इसके लिए किसी भी प्रकार का कोई भी कार्य नहीं किया गया।