Move to Jagran APP

ओडिशा में दुष्कर्म के मामलों में इजाफा, माओ हिंसा पर लगाम

ओडिशा में अपराध की बढ़ती घटनाएं सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती दिख रही है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 09:49 PM (IST)Updated: Tue, 16 Jul 2019 06:41 AM (IST)
ओडिशा में दुष्कर्म के मामलों में इजाफा, माओ हिंसा पर लगाम
ओडिशा में दुष्कर्म के मामलों में इजाफा, माओ हिंसा पर लगाम

जासं, भुवनेश्वर : ओडिशा में अपराध की बढ़ती घटनाएं सरकार के तमाम दावों की पोल खोलती दिख रही हैं। दुष्कर्म की घटनाओं में वृद्धि के कारण सरकार और पुलिस महकमा शर्मसार है। विधानसभा में इन घटनाओं को लेकर विपक्ष की घेराबंदी के बाद से तथ्य सामने आए हैं उससे राज्य में न तो दुष्कर्म की घटनाएं नियंत्रित हुई हैं और ना ही हत्याओं को सिलसिला थमा है। सदन में गृह विभाग की की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के अनुसार, 2018 में ओडिशा में दुष्कर्म की सात घटनाएं रोज हुई हैं। बीते साल यानी 2018 में कुल 2,502 दुष्कर्म की घटनाएं राज्य में हुई जो 2017 में 2,221 के मुकाबले अधिक हैं।

loksabha election banner

राज्य में दुष्कर्म, डकैती, हत्या आदि की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। सरकार ने भी स्वीकार किया है कि पुलिसिया जांच में खामियां हैं। वर्ष 2018 में 1378 हत्या की घटनाएं हुई। इसके अलावा 2,120 जातीय दंगे, 2,502 दुष्कर्म की घटनाएं प्रकाश में आयीं। इस वर्ष मार्च 2019 तक कुल 28,617 आपराधिक घटनाएं हो चुकी हैं। गृह विभाग की रिपोर्ट में हत्या के मामलों में आरोपपत्र दाखिल होने में गिरावट आने से पुलिस की भूमिका संदिग्ध दिखती है। गत वर्ष कुल 645 मामलों में आरोप पत्र दाखिल किया गया जबकि राज्य में हत्या की ही 1,378 घटनाएं हुई।

इसी तरह सरकार का आधुनिकतम यातायात प्रबंधन का दावा भी धरातल पर ध्वस्त पाया गया है। सरकार के दावे के बाद भी सड़क हादसे में मौत की घटनाओं का आंकड़ा अपेक्षाकृत कई गुना बढ़ा है। वर्ष 2017 में 10, 855 सड़क हादसे हुए थे जबकि 2018 में यह संख्या बढ़कर 11,262 पहुंच गई है।

माओ प्रभावित जिलों में कम हुआ खूनखराबा : हालांकि रिपोर्ट के अनुसार नक्सल प्रभावित इलाकों में हत्या, खूनखराबा की घटनाओं में कमी आयी हे। जाजपुर, ढेंकानाल, गजपति, गंजाम, मयूरभंज और क्योंझर में माओ हिसा की एक भी घटना नहीं हुई। मलकानगिरी, कोरापुट, कालाहांडी, रायगढ़ा, कंधमाल, नुआपाड़ा में माओ हिसा पर लगाम लगाने में शासन-प्रशासन सफल हुआ है। बीते साल 54 माओ हिसा की घटनाएं रिपोर्ट हुईं और 26 घटनाओं में सुरक्षाबलों और माओवादियों के बीच मुठभेड़ की घटनाएं हुईं। इनमें 19 माओवादी मारे गए और 339 गिरफ्तार किए गए। जबकि 27 ने आत्मसमर्पण किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.