Odisha में पिछले 24 घंटे में मिले कोरोना के 10 मरीज, पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर पहुंची 52
Odisha Corona Updates ओडिशा में चार महीने से अधिक के अंतराल के बाद यहां एक कोविड-19 संक्रमित रोगी के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है। पश्चिमी ओडिशा के कोविड पॉजिटिव मरीज की तबीयत बिगड़ने पर उसे संबलपुर में भर्ती कराया गया है।
अनुगुल/भुवनेश्वर, संतोष कुमार पांडेय। ओडिशा में चार महीने से अधिक के अंतराल के बाद, यहां एक कोविड-19 संक्रमित रोगी के अस्पताल में भर्ती होने की सूचना मिली है।
सूत्रों के मुताबिक, पश्चिमी ओडिशा के कोविड पॉजिटिव मरीज की तबीयत बिगड़ने पर उसे संबलपुर जिले के वीर सुरेंद्र साय इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (विमसार), बुर्ला में भर्ती कराया गया है।
इलाज के लिए बनाई विशेष टीम
कोविड संक्रमित मरीज अब मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में उपचाराधीन है। उसके इलाज के लिए डॉक्टरों की एक विशेष टीम बनाई गई है।
स्वास्थ्य निदेशक बिजय महापात्र ने कहा कि मीडिया रिपोर्टों को देखने के बाद, हमने संबंधित अधिकारियों से रोगी का विवरण साझा करने के लिए कहा है। हम जांच करेंगे कि कोविड -19 के किस संस्करण ने उसे संक्रमित किया है और क्या वह किसी अन्य बीमारी से पीड़ित थे या नहीं।
निगरानी प्रणाली को किया मजबूत
केंद्र के निर्देश के बाद, ओडिशा सरकार ने अपने एलआई (इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी) और एसएआरआई (गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण) निगरानी प्रणाली को मजबूत किया है।
स्वास्थ्य निदेशक ने सलाह दिया कि जिस किसी में भी सर्दी, खांसी, बुखार और गले में खराश जैसे लक्षण विकसित होते हैं, उन्हें खुद को अलग कर लेना चाहिए और कोविड-19 परीक्षण के लिए जाना चाहिए।
24 घंटे में मिले 10 मरीज
इस बीच, राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 10 और कोविड पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्रा ने बताया कि ओडिशा में पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या बढ़कर 52 हो गई है।
मिश्रा ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। हम प्रत्येक दिन 4,000 से अधिक कोविड परीक्षण कर रहे हैं। हमारी परीक्षण सकारात्मक दर भी राष्ट्रीय दर से नीचे बनी हुई है।
इससे पहले, राज्य की स्वास्थ्य सचिव शालिनी पंडित ने 30 जिलों की सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं को एच1एन1 और एच3एन2 निगरानी के अलावा आईएलाई और एसएआरआइ मामलों की प्रवृत्ति पर लगातार नज़र रखने को कहा था।
जिला स्तरीय रोग निगरानी इकाइयों को तैयार रहने और स्थिति पर लगातार नजर रखने को कहा गया है। सूत्रों ने कहा कि अगर स्थिति पैदा होती है तो लैब को टेस्ट में उछाल से निपटने के लिए तैयार रखा गया है।