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ओडिशा के लोगों के लिए राहत, टला ये बड़ा खतरा; मौसम विभाग ने दी जानकारी

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आगामी 4-5 दिन तक ओडिशा में बारिश नहीं होगी और बाढ़ का खतरा भी अब टल गया है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 11:24 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 11:24 AM (IST)
ओडिशा के लोगों के लिए राहत, टला ये बड़ा खतरा; मौसम विभाग ने दी जानकारी
ओडिशा के लोगों के लिए राहत, टला ये बड़ा खतरा; मौसम विभाग ने दी जानकारी

संबलपुर/भुवनेश्वर, जेएनएन। ओडिशा व आसपास के राज्यों में लगातार हो रही बारिश के बावजूद प्रदेश पर मंडरा रहा बाढ़ का खतरा टल जाने से प्रशासन ने राहत की सांस ली है।भुवनेश्वर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने जानकारी दी है कि आगामी 4-5 दिन तक भारी बारिश नहीं होगी। हाल फिलहाल कम दवाब का क्षेत्र नहीं बनने वाला जिससे बाढ़ की संभावना कम हो गई है। हालांकि कुछेक स्थान पर हल्की बारिश की संभावना है।

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इससे पहले संबलपुर में जुलाई माह के आखरी सप्ताह तक हीराकुद बांध के जलस्तर को लेकर चिंता जतायी जा रही थी। लेकिन अगस्त माह के प्रथम और द्वितीय सप्ताह में बांध के ऊपरी मुहाने पर हुई मूसलाधार बारिश के बाद अब बांध का जलस्तर काफी बढ़ गया। इसे नियंत्रित करने के लिए गुरुवार को बांध का 20 गेट को खोलना पड़ा था। इसके बाद शुक्रवार को दोपहर 12 बजे तक बांध के 10 गेट से महानदी में प्रति सेकंड 1,73,913 घनफुट पानी छोड़ा गया।

 

जबकि इस दौरान बांध के जलभंडार में प्रति सेकंड 2,16,563 घनफुट पानी प्रवेश कर रहा था। बांध का जलस्तर 620.45 फीट दर्ज किया गया जबकि इसका जलभंडार क्षमता 630 फीट है। बांध नियंत्रण कक्ष के अनुसार बांध के निचले मुहाने पर स्थित सोनपुर जिला में अंग और तेल नदी का पानी महानदी में आकार मिलने से महानदी में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया था। इसे ध्यान में रखते हुए बुधवार को बांध का केवल

एक गेट खोला गया था। जिसे ढाई घंटे बाद बंद कर दिया गया था। इसके बाद गुरुवार को दिन में 20 गेट खोले जाने से अंग और तेल नदियों के जलस्तर में वृद्धि होने से दस गेट बंद कर देना पड़ा। हालांकि बाढ़ की स्थिति में सुधार को देखते हुए बांध का 10 गेट खोलकर महानदी में पानी छोड़ा जा रहा है।

उधर भुवनेश्वर में जलसंपदा विभाग के सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि हीराकुद बांध के खोले गए 20 गेट में से शुक्रवार को 10 गेट बंद किए गए। जिससे बाढ़ की आशंका कम हो गई है। इसके साथ ही मौसम विभाग ने भी आने वाले कुछ दिनों तक बड़ी बारिश होने की कोई आशंका नहीं जताई है।

 

इससे पहले हीराकुद जलभंडार से पानी छोड़े जाने की घोषणा के बाद महानदी के तटीय इलाके खासकर केंद्रापाड़ा, कटक जिले में बाढ़ की आशंका बढ़ गई थी। वैसे महानदी में बाढ़ के कारण केंद्रापाड़ा के दो ब्लाक मार्शाघाई और गरदपुर ब्लाक में पानी घुस गया। इससे मार्शाघाई के डीह बलरामपुर और गरदपुर ब्लाक के नौ नंबर वार्ड में सैंकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। उधर, कटक जिले के कई अन्य इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है। 

आठगड के चषाअरा गांव में पानी घुस जाने से यह शेष जगहों से कट गया है। विशेष रिलिफ कमिश्नर ( एसआरसी) सूत्रों के अनुसार राज्य में संभावित बाढ़ की जो स्थिति बनी थी उसके गंभीर होने की संभावना नहीं है। पिछले 24 घंटे में कम बरसात होने से स्थिति में सुधार हुआ है। एसआरसी के अनुसार बलांगीर और सोनपुर जिले में स्थिति आहिस्ता आहिस्ता सामान्य हो रही है। 

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