Puri Jagannath Temple: महालक्ष्मी गई हैं पिता के घर, अब मां के हाथ से बने पकवान का आनंद लेंगे महाप्रभु श्रीजगन्नाथ
Puri Jagannath Temple महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के मंदिर के साथ ही पूरे प्रदेश में धूमधाम के साथ धनु संक्रांति मनायी जा रही है। महाप्रभु श्रीजगन्नाथ एक महीने तक मां के हाथ से बने 23 प्रकार के पकवान का आनंद लेंगे। महालक्ष्मी पिता के घर गई हैं।
भुवनेश्वर, जागरण संवाददाता। महाप्रभु श्रीजगन्नाथ जी के मंदिर के साथ ही पूरे प्रदेश में बड़े ही धूमधाम के साथ आज धनु संक्रांति मनायी जा रही है। इसे लेकर पूरे प्रदेश में गांव से लेकर शहर तक उत्सव का माहौल है। वहीं श्रीमंदिर में आज पहली भोग नीति शुरु हुई है जो कि एक महीने तक अर्थात मकर संक्रांति तक चलेगी।
23 प्रकार के पीठा एवं स्वादिष्ट पकवान परोसे गए
परंपरा के अनुसार आज मध्य रात को महालक्ष्मी अपने पिता के घर चली गई हैं, ऐसे में अब आज से ही महालक्ष्मी के लौटने तक महाप्रभु की मां महाप्रभु के लिए स्वादिष्ट पकवान बनाती हैं। इसी के तहत सुबह-सुबह मां के हाथ से बने 23 प्रकार के पीठा एवं स्वादिष्ट पकवान आनंद श्रीबलभद्र, श्रीजगन्नाथ एवं सुभद्रा को परोसे गए हैं। इसे पहली भोग नीति कहते हैं, जो एक महीने तक चलती है। गौरतलब है कि छत्तीसा निजोग की बैठक में पिछले शनिवार को ही इस नीति को शांति एवं व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न कराने के लिए नीति नियम बनाया गया था।
धनु मुआ भोग
जानकारी के मुताबिक उड़द एवं आटा जैसे द्रव्य से पीठा तैयार किया जाता है और श्रीमंदिर में मंगल आरती, रसोई होम नीति के बाद बल्लभ नीति में पहली भोग नीति की जाती है। मान्यता है कि आज धनु मुआ भोग लगाए जाने के बाद महाप्रभु के शरीर से ठंड गायब हो जाती है।
यहां उल्लेखनीय है कि आमतौर पर श्रीमंदिर में सुबह का भोग सूर्य पूजा आदि नीति सम्पन्न होने के बाद लगाया जाता है, लेकिन पहली भोग नीति के दौरान भोर में ही प्रसाद अर्पण की प्रक्रिया पूरी की जाती है, जो कि एक महीने तक पुरी के श्रीमंदिर में चलेगी।