रात में किया गया इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण
देश में ही निर्मित इंटर सेप्टर मिसाइल का पहली बार रविवार की रात कामयाब
संसू, बालेश्वर : देश में ही निर्मित इंटर सेप्टर मिसाइल का पहली बार रविवार की रात कामयाब लां¨चग की गई। अब्दुल कलाम द्वीप के चार नंबर लां¨चग सेंटर से रात 8:04 बजे इस मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया। यह इंटर सेप्टर मिसाइल किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल को खत्म करने में सक्षम है। बहुस्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा तंत्र (मल्टी लेयर बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम) को विकसित किए जाने की दिशा में इस मिसाइल का निर्माण किया गया है।
क्या है इंटर सेप्टर मिसाइल : यह मिसाइल एंडो एटमसफियरिक हालात (करीब 20 किमी. की ऊंचाई) के लिए बनायी गई है। यह मिसाइल 7.5 मीटर लम्बी, 0.5 मीटर चौड़ी तथा यह अपने साथ 1.2 टन वजन तक विस्फोटक ढोने की ताकत रखती है तथा इसकी मारक क्षमता 120 किमी. है। यह राकेट से चलने वाली मिसाइल है।
इसमें इनर्सियल इनोगेशन सिस्टम, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो मेकेनिकल एक्टीवेटर लगा हुआ है। इंटर सेप्टर मिसाइलों के पास अपना मोबाइल लांचर होता है। इसके अलावा इंटर सेप्शन के लिए सुरक्षित डेटा ¨लक जैसे सहूलियत मौजूद है।
ऐसे लगा निशाना : इस परीक्षण से पहले जमीन से जमीन पर मार करने वाली पृथ्वी मिसाइल को चांदीपुर के एलसी-3 से बतौर निशाने पर रखा गया। इसके बाद समुद्र में करीब 20 किमी. की ऊंचाई पर इंटरसेप्टर एडी मिसाइल ने हवा में ही पृथ्वी मिसाइल को इंटरसेप्ट कर दिया। यह मिसाइल पाकिस्तान की गौरी मिसाइल को मार गिराने की ताकत रखती है। इस मिसाइल का यह 18वां सफल परीक्षण था। सबसे खास बात यह है कि इस मिसाइल को पहली बार रात के समय परीक्षण किया गया है। इस मौके पर भारत सरकार के अधिकांश वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।