स्वदेशी इंटरसेप्टर का सफल परीक्षण
भारत ने स्वदेश निíमत इंटरसेप्टर मिसाइल का गुरुवार को ओडिशा के
जागरण संवाददाता, बालेश्वर
भारत ने स्वदेश निíमत इंटरसेप्टर मिसाइल का गुरुवार को ओडिशा के समुद्र तट पर मौजूद टेस्ट रेंज से सफल परीक्षण किया। सूत्रों की मानें तो यह इंटरसेप्टर मिसाइल किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है। इस मिसाइल का निर्माण बहुस्तरीय बैलेस्टिक मिसाइल रक्षा तंत्र (मल्टी लेयर्ड बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम) को विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
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ऐसे साधा निशाना
इस परीक्षण से पहले जमीन से जमीन पर मार करने में सक्षम पृथ्वी मिसाइल को चांदीपुर के परीक्षण स्थल से सुबह 9:43 बजे बतौर निशाना हवा में छोड़ा गया। इसके चार सेकेंड बाद समुद्र में 70 किमी दूर ह्वीलर द्वीप में स्थापित इंटरसेप्टर (एएडी) मिसाइल को 9:47 बजे छोड़ा गया। कुछ ही पल में रडार से सिगनल कैच कर समुद्र के ऊपर 120 किमी की ऊंचाई पर हवा में पृथ्वी मिसाइल को इंटरसेप्टर मिसाइल ने इंटरसेप्ट (मार गिराया) कर लिया। यह मिसाइल 1.2 टन वजन तक विस्फोटक ढोने में सक्षम है। भारत की पृथ्वी मिसाइल और पाकिस्तान की हल्फ पांच गौरी मिसाइल की मारक क्षमता तकरीबन आस-पास माना जाती है। इससे पहले इंटरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण इसी साल एक मार्च को सफलता पूर्वक किया गया था। इससे पहले इसका परीक्षण 27 नवंबर 2006, छह दिसंबर 2007, छह मार्च 2009, छह मार्च 2011, दस फरवरी 2012, तेइस नवंबर 2012 को सफलता पूर्वक किया जा चुका है। गुरुवार को इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और अंतरिम परीक्षण परिषद (आइटीआर) से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था।
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क्या है इंटरसेप्टर मिसाइल
यह मिसाइल एंडो एटमसफेरिक हालात के लिए बनाई गई है। यह 7 मीटर लंबी, राकेट से चलने वाली मिसाइल है। इसमें इनरशियल नेवीगेशन सिस्टम, हाईटेक कंप्यूटर और इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्टिवेटर लगा हुआ है। ठीक उसी तरह एक्सो एटमसफेरिक हालात (जमीन से आसमान) के 100 किमी की ऊंचाई के लिए दो स्टेज वाली इंटरसेप्टर मिसाइल को डिजाइन किया जा रहा है। इंटरसेप्टर मिसाइलों के पास अपना मोबाइल लांचर होता है। इसके अलावा इसमें सुरक्षित डाटा ¨लक जैसी सहुलियतें मौजूद हैं।