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Prithvi-2 Missile: पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत

Odisha बालासोर के आइटीआर लांचिंग कांप्लेक्स3 में डीआरडीओ ने बुधवार शाम सात बजकर 40 मिनट पर पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह मिसाइल परमाणु संपन्न तथा सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 15 Jun 2022 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 15 Jun 2022 08:30 PM (IST)
Prithvi-2 Missile: पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत
पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें-इसकी खासियत। फाइल फोटो

लावा पांडे, बालेश्वर। ओडिशा में बालासोर के आइटीआर लांचिंग कांप्लेक्स3 में डीआरडीओ ने बुधवार शाम सात बजकर 40 मिनट पर पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। यह मिसाइल परमाणु संपन्न तथा सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है। पृथ्वी 2 मिसाइल को रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने स्वदेशी ज्ञान कौशल से विकसित किया है।

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जानें, मिसाइल की विशेषताएं

पृथ्वी 2 मिसाइल 500 से 1000 किलोग्राम वजन तक के हथियारों को ले जाने में सक्षम है। सतह से सतह पर 350 किलोमीटर से ज्यादा तक मार करने वाली इस मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं। इसे तरल और ठोस दोनों तरह के ईंधन से संचालित किया जाता है। सूत्रों की माने तो 350 किलोमीटर से ज्यादा तक प्रहार करने वाले इस मिसाइल को आइटीआर के प्रक्षेपण परिसर तीन से एक मोबाइल लांचर से दागा गया। परीक्षण को नियमित अभ्यास करार देते हुए कहा जा रहा है कि मिसाइल के प्रक्षेपण पथ पर राठौड़ों electro-optical ट्रैकिंग प्रणाली और तेली मैट्रिक केंद्रों से नजर रखी गई, जिनमें सभी मांगों को प्राप्त किया गया। इसके परीक्षण के मौके पर रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन तथा आईटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। अगली सीरीज की अग्नि 5 अग्नि 4 से लेकर अग्नि सीरीज की प्राय अधिकांश मिसाइलों का परीक्षण दिन के वक्त सफलतापूर्वक किए जाने के बाद रात के वक्त अब्दुल कलाम दिल से किया जाता है।

पृथ्वी मिसाइल का सुबह के वक्त सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के बाद अब रात के वक्त भी सफल परीक्षण किया जाने लगा है। भारतीय वैज्ञानिकों ने भारत के विभिन्न मिसाइलों को सुबह के वक्त दोपहर के वक्त और शाम के वक्त सफल परीक्षण के बाद अब प्राय सभी मिसाइलों का चाहे वह छोटे मिसाइल राकेट हो या फिर बड़े मिसाइलों बैलिस्टिक सीरीज के सभी का परीक्षण रात के वक्त किया जाने लगा है। शायद वैज्ञानिक अब यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि दिन को नहीं जब किसी भी देश से युद्ध छोड़ता है तो सुबह हो या शाम दिन हो या रात किसी भी समय मिसाइलों का परीक्षण किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो आने वाले दिनों में और कई नए और पुराने मिसाइलों का आधुनिकरण कर इसका परीक्षण किया जाएगा। इस मिसाइल के परीक्षण से पड़ोसी देश चीन और पाकिस्तान जरूर कांपेंगे । 


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