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BRAHMOS Supersonic Cruise Missile: क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण, घनी आबादी में भी छोटे लक्ष्य को भेदने में सक्षम

Successful Test of Cruise Missile BRAHMOS क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का चांदीपुर आइटीआरकेएलसी 3 से सफलता पूर्वक परीक्षण किया गया। ये मिसाइल आवाज की गति से 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखती है साथ ही घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 01:17 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 01:22 PM (IST)
BRAHMOS Supersonic Cruise Missile: क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का सफल परीक्षण, घनी आबादी में भी छोटे लक्ष्य को भेदने में सक्षम
जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस

बालेश्वर, लावा पांडे। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन तथा रूस के वैज्ञानिकों के मिश्रित प्रयास से निर्मित जमीन से जमीन पर मार करने वाले क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस का चांदीपुर आइटीआरकेएलसी 3 से सफलता पूर्वक परीक्षण सुबह 10 बजकर 15 मिनट पर सोमवार को किया गया। यह प्रक्षेपास्त्र 8.4 मीटर लंबा तथा 0.6 मीटर चौड़ा है तथा इसका वजन 3000 किलोग्राम है। यह प्रक्षेपास्त्र 300 किलोग्राम वजन तक विस्फोटक ढोने तथा 290 किलोमीटर तक मार करने की क्षमता रखता है। यह सुपर सोनिक क्रूज प्रक्षेपास्त्र आवाज की गति से 2.8 गुना तेज जाने की क्षमता रखता है।

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क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस में क्‍या है खास

इस प्रक्षेपास्त्र को पानी जहाज, हवाई जहाज, जमीन व मोबाइल लॉन्चर से छोड़ा जा सकता है। इस प्रक्षेपास्त्र को किसी भी दिशा में लक्ष्य की ओर मनचाहा तरीके से छोड़ा जा सकता है। आज इसके परीक्षण के मौके पर डीआरडीओ व आइटीआर से जुड़े वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौके पर मौजूद थे। ब्रह्मोस एक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है जिसका प्रक्षेपण पनडुब्बी पोत विमान या जमीन आधारित मोबाइल ऑटोनॉमस लांचर से भी किया जा सकता है। ब्रह्मोस का एक बेड़ा पहले से ही सेना में कार्यात्मक रूप से शामिल हो चुका है। 

छोटे लक्ष्‍यों को भेदने में सक्षम

यह मिसाइल घनी शहरी आबादी में भी छोटे लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सक्षम है। ब्रह्मोस मिसाइल एक दो चरणीय वाहन है जिसमें ठोस प्रोप्लेट बूस्टर तथा एक सरल प्रो प्लेट रेमजेम सिस्टम है। ब्रह्मोस का पहला परीक्षण 12 जून 2001 को आइटीआर चांदीपुर से ही किया गया था। सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में भारत कई भारी-भरकम मिसाइलों के परीक्षण के साथ-साथ छोटे-छोटे राकेट का भी परीक्षण करने वाला है। जिसके लिए भारतीय वैज्ञानिकों ने और डीआरडीओ ने तैयारियां पूरी कर ली हैं। 


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