फाइलों तक सिमटा दूसरा केंद्रीय विद्यालय
लावा पांडे, बालेश्वर : सरकारी घोषणा के चार साल बीत जाने के बाद भी आज तक बालेश्वर में दूसर
लावा पांडे, बालेश्वर : सरकारी घोषणा के चार साल बीत जाने के बाद भी आज तक बालेश्वर में दूसरा केंद्रीय विद्यालय नहीं खुल सका। जिससे लोगों कि आशा अब धूमिल होने लगी है। घोषणा के समय लोगों को लगा था कि इसके खुल जाने से क्षेत्र के दूरदराज के बच्चों को शिक्षा के लिए इधर- उधर नहीं जाना होगा और क्षेत्र के बच्चे शिक्षित हो सकेंगे। ज्ञात हो कि चार साल पहले केंद्र सरकार ने विधिवत घोषणा की थी कि बालेश्वर में दूसरा केंद्रीय विद्यालय शुरू होगा। इसके लिए विधिवत जिला प्रशासन की ओर से जमीन भी मुहैया करायी गई थी। विद्यालय को तत्काल चलाने के लिए अस्थाई गृह भी दिया जा चुका था। लेकिन इन सबके बावजूद आज तक उक्त विद्यालय नहीं खुल पाया। इसे प्रशासनिक उपेक्षा कहें या सरकार की अनदेखी। विगत 13 साल से केंद्रीय विद्यालय एलुमिनी संगठन जिलाधीश के जरिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मानव संसाधन विकास मंत्री, मुख्यमंत्री व राज्यपाल को समय- समय पर ज्ञापन दे चुका है। यहा चौकाने वाली बात है कि जिलाधीश के बदलते ही बदल जाती है विद्यालय को दी गई जमीन। एक जिलाधीश जिस जमीन को आवंटित करते हैं दूसरे के आते ही जमीन को बदलकर दूसरे जबह जमीन आवंटित कर दी जाती है। आधा दर्जन से ज्यादा जिलाधीश इस बीच बदल चुके हैं। तीन डिप्टी कमिश्नर (केवि.संगठन, भुवनेश्वर) भी बदल चुके हैं तथा ये तीनों डिप्टी कमिश्नर समय- समय पर विद्यालय को दी गई जमीन एवं अस्थाई गृह का दौरा भी कर चुके हैं। हर साल जनवरी से मार्च महीने के बीच शुरू होती है दूसरा केंद्रीय विद्यालय खोलने की कवायद। जुलाई आते- आते सब ठंडे बस्ते में बंद हो जाता है। स्थानीय तहसीलदार से लेकर जिलाधीश से पूछने पर जिला प्रशासन केवि के अधिकारियों को ही कोसते हैं।
इस संबंध में बालेश्वर सासद रवींद्र कुमार जेना से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पत्र के जरिए तथा व्यक्तिगत मुलाकत कर हम कई बार माग कर चुके हैं। सासद ने कहा कि हर साल उनके पास केवि में दाखिले के लिए 900 से ज्यादा आवेदन अभिभावकों का आता है। मात्र 10 बच्चों का ही दाखिला वे अपने कोटे से करा पाते हैं। इस संबंध में जिलाधीश प्रमोद दास ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। स्कूल खोलना केंद्र सरकार के हाथ में है।