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अलविदा 2017: वैज्ञानिकों ने देश की झोली में डाली दर्जनभर से ज्यादा उपलब्धियां

ओडिशा का तटवर्ती क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के समीप चांदीपुर परीक्षण स्थल तथा अब्दुल कलाम द्वीप देश के परीक्षण इतिहास में कई कामयाब अध्याय जोडऩे में सफल रहा है।

By BabitaEdited By: Published: Mon, 01 Jan 2018 12:40 PM (IST)Updated: Mon, 01 Jan 2018 04:21 PM (IST)
अलविदा 2017: वैज्ञानिकों ने देश की झोली में डाली दर्जनभर से ज्यादा उपलब्धियां
अलविदा 2017: वैज्ञानिकों ने देश की झोली में डाली दर्जनभर से ज्यादा उपलब्धियां

बालेश्वर, लावा पांडे। मिसाइल परीक्षण के क्षेत्र में विश्व के गिने-चुने देश इस दिशा में अपने आप को शामिल कर चुके हैं। भारत भी मिसाइल परीक्षण के क्षेत्र में विश्व के मानचित्र पर अपना एक अलग स्थान बना चुका है। ओडिशा के तटवर्ती क्षेत्र बंगाल की खाड़ी के समीप चांदीपुर परीक्षण स्थल तथा अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) देश के परीक्षण इतिहास में कई कामयाब अध्याय जोडऩे में सफल रहा है। वर्ष 2017 की बात करें तो जनवरी से लेकर दिसंबर के बीच इन दोनों स्थलों से एक दर्जन से अधिक मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण कर भारत के वैज्ञानिकों तथा रक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों ने यह प्रमाणित कर दिया है कि विश्व से कदमताल में हम भी पीछे नहीं हैं। साथ ही पूरे विश्व को संदेश दिया है कि किसी भी मुसीबत को झेलने तथा उसका सटीक जवाब देने के लिए हम तैयार हैं।

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वर्ष 2017 में सफल मिसाइल परीक्षण

2 जनवरी: अग्नि 4 मिसाइल अग्नि-4 परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम 20 लम्बी 1 मीटर चौड़ी वाली यह मिसाइल डेढ़ टन विस्फोटक ढोने की क्षमता रखती है। 3 हजार किमी. तक प्रहार करने की ताकत रखती है।

12 जनवरी : पिनाका राकेट पिनाका राकेट नेवीगेशन गाइडेड और कंट्रोल कीट से लैश है। इसकी मारक क्षमता अलग-अलग है। 24 जनवरी को दोबारा इसका सफल परीक्षण किया गया।

 

11 फरवरी : इंटरसेप्टर मिसाइल यह मिसाइल किसी भी बैलेस्टिक मिसाइल को मार गिराने की ताकत रखती है। एक मार्च को पुन: इसका सफल परीक्षण किया गया। 28 दिसंबर को इस  मिसाइल का दोबारा सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

11 मार्च : ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल 8.5 मीटर लंबी 0.6 मीटर चौड़ी एवं 3000 किलोग्राम वजन वाली यह मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार करने की ताकत रखती है। 300 किलोग्राम विस्फोटक ढोने की क्षमता भी है। 22 नवंबर को फिर से इसका का सफल परीक्षण किया गया।

 

3 जुलाई : क्विक रिएक्शन सरफेस-टू एयर मिसाइल यह मिसाइल त्वरित प्रतिक्रिया के साथ सतह से हवा में प्रहार करने में सक्षम है।

15 सितम्बर : अस्त्र मिसाइल संपूर्ण स्वदेशी तकनीक से निर्मित यह प्रक्षेपास्त्र 30 से 40 किलोमीटर तक प्रहर करने की क्षमता रखती है।

3 नवंबर : गाइडेड बम (एसएएडब्ल्यू) यह प्रक्षेपास्त्र हवाई पट्टियों को ध्वस्त करने वाले देश में ही बनाया गया हल्का गाइडेड यानी निर्देशित बम है।

 

7 नवंबर : निर्भय मिसाइल यह मिसाइल स्वदेशी क्रूजज मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता 1 हजार किलोमीटर से अधिक है। इसे मोबाइल लांचर केजरिए दागा जाता है।

5 दिसंबर : आकाश मिसाइल इस प्रक्षेपास्त्र के परीक्षण से वायु सुरक्षा के कवच में एक महत्वपूर्ण सफलता मिली। यह प्रक्षेपास्त्र सतह से हवा में मार करने वाला प्रक्षेपास्त्र है।

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