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900 किमी मारक क्षमता वाली अग्नि-1 का सफल परीक्षण

यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई है जिसकी मारक क्षमता 900 किमी है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 06 Feb 2018 05:36 PM (IST)Updated: Tue, 06 Feb 2018 06:35 PM (IST)
900 किमी मारक क्षमता वाली अग्नि-1 का सफल परीक्षण
900 किमी मारक क्षमता वाली अग्नि-1 का सफल परीक्षण

बालेश्वर, जेएनएन। ओडिशा के बालासोर में आज सुबह सात सौ किलोमीटर तक मार करने वाली अग्नि-एक का सफल परीक्षण किया गया। यह बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। 

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जानकारी के मुताबिक, यह मिसाइल डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई है जिसकी मारक क्षमता 900 किमी है। 15 मीटर की ऊंचाई वाली इस मिसाइल में लिक्विड और सॉलीड दोनों तरह के ईंधन का प्रयोग हो सकता है, जिसके चलते है एक सेकेंड में 2.5 किमी प्रति घंटे की दूरी तय करती है।

सतह से सतह पर मार करने तथा परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम अग्नि एक मिसाइल का सफल परीक्षण मंगलवार सुबह 8:30 बजे अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) के एलसी-4 से किया गया। ठोस इंजन आधारित इस मिसाइल की मारक क्षमता 7 से 900 किमी. है। सूत्रों के अनुसार अग्नि प्रथम भारतीय सशस्त्र बलों के जाखिरे में शामिल पहला और एकमात्र ठोस इंजन आधारित मिसाइल है। देश में निर्मित 15 मीटर लम्बी तथा 12 टन वजन की यह मिसाइल 1000 किग्रा. भार के पारंपरिक तथा परमाणु आयुध ले जाने में सक्षम है। एकल चरण वाली अग्नि एक मिसाइल को रेल एवं सड़क दोनों प्रकार के मोबाइल लांचर से छोड़ा जा सकता है।

आज परमाणु सक्षम बैलेस्टिक मिसाइल (एसआरबीएम) अग्नि एक के सफल परीक्षण के मौके पर भारी संख्या में वैज्ञानिकों का दल मौके पर मौजूद था। अग्नि एक मिसाइल परीक्षण के दौरान सभी मानदण्डों पर खरी उतरी। यह मिसाइल जैसे ही हवा में आकाश की ओर बढ़ी अपने पीछे नारंगी एवं सफेद रंग के धुएं का मार्ग बनाते चली गई। मिसाइल को इस्तेमाल में लाने वाली भारतीय सेना की सामारिक बल कमान ने पूरे प्रक्षेपण अभियान को अंजाम दिया। रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जरूरी साजो सामान मुहैया कराया। इस हथियार प्रणाली के इस्तेमाल के लिए भारतीय सेना की तैयारी में बड़ा कदम माना जा रहा है। इस अभियान की पूरे मार्ग पर अत्याधुनिक रडार, टेलीमेट्री और इलेक्ट्रो आप्टिक प्रणालियों से निगरानी की गई।

प्रभाव स्थल के पास नौसेना की एक जहाज के जरिए जायजा लिया गया। भारतीय सेना ने इस प्रक्षेपण के कमान परिचालन समन्वय कार्यान्वयन और नेटवर्किंग को अंजाम दिया। अग्नि एक मिसाइल का पहला परीक्षण 25 जनवरी 2002 को इसी द्वीप से किया गया था। आज परीक्षण के मौके पर आईटीआर, डीआरडीओ और भारी संख्या में वैज्ञानिकों का दल मौजूद था। 

गौरतलब है कि हाल में भारत ने अग्नि 5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। भारत के मिसाइल बेड़े में फिलहाल अग्नि-1, अग्नि-2, अग्नि-3, अग्नि-4 मिसाइलें हैं। जिनकी मारक क्षमता क्रमशः 700 किमी से 3500 किमी की है।

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