मंगल अभियान पर इसरो परिवार में दरारें
मंगलयान की सफल लांचिंग पर पूरा देश इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है। लेकिन, कामयाबी की खुशियों के बीच ही इसरो कुनबे में इस मिशन के औचित्य को लेकर मतभेद की दरारें भी नजर आई।
नई दिल्ली,जागरण ब्यूरो। मंगलयान की सफल लांचिंग पर पूरा देश इसरो के वैज्ञानिकों को बधाई दे रहा है। लेकिन, कामयाबी की खुशियों के बीच ही इसरो कुनबे में इस मिशन के औचित्य को लेकर मतभेद की दरारें भी नजर आई।
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इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने मंगल अभियान के नतीजों पर फिर संशय के सवाल उठाए हैं। मंगल अभियान की लांचिंग के बाद दी प्रतिक्रिया में नायर ने तकनीकी उपलब्धि पर अपने साथी रहे वैज्ञानिकों को बधाई दी, साथ ही इस अभियान से बहुत अधिक अपेक्षा नहीं करने की बात भी कही।
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नायर का कहना है, 'मंगलयान लंबी दूरी की रॉकेट यात्रा तकनीक के अतिरिक्त खोज की कोई नई तकनीकी उपलब्धि हासिल करेगा, ऐसी उम्मीद बेमानी होगी। नायर के अनुसार इस अभियान से मंगल ग्रह पर जीवन की मौजूदगी का पता लगाने की उम्मीद बेमानी होगी। वहीं, यदि इससे ग्रह पर मीथेन गैस की मौजूदगी के आंकड़े जमा किए जाएंगे तो यह काम नासा पहले ही कर चुका है और जानकारियां इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। डॉ के कस्तूरीरंगन और यूआर आर राव जैसे पूर्व इसरो प्रमुखों ने हालांकि मंगलयान की आलोचना को खारिज करते हुए अभियान की लांचिंग को बड़ी कामयाबी करार दिया है।
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यह बात और है कि इसरो प्रमुख रहे नायर के कार्यकाल में ही मंगल अभियान की शुरुआती तैयारियां हुई थीं। लेकिन, निजी कंपनी देवास और इसरो के अधीन एंटिक्स के बीच विवादास्पद वाणिज्यिक करार के कारण उनकी काफी किरकिरी हुई थी।
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