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जरदारी को छोड़ देना चाहिए पीपीपी अध्यक्ष का पद: हाई कोर्ट

लाहौर हाई कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को 2011 में दिए गए फैसले के मुताबिक सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] के प्रमुख का पद छोड़ देना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि जरदारी को राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग नहीं लेना चाहिए।

By Edited By: Published: Wed, 23 Jan 2013 04:59 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jan 2013 05:29 PM (IST)
जरदारी को छोड़ देना चाहिए पीपीपी अध्यक्ष का पद: हाई कोर्ट

लाहौर। लाहौर हाई कोर्ट ने कहा है कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को 2011 में दिए गए फैसले के मुताबिक सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी [पीपीपी] के प्रमुख का पद छोड़ देना चाहिए। कोर्ट का कहना है कि जरदारी को राजनीतिक गतिविधियों में भी भाग नहीं लेना चाहिए।

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हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने संघीय सरकार के वकील वसीम सज्जाद से कहा है कि वह राष्ट्रपति की ओर से कोर्ट के 12 मई, 2011 के आदेश के पालन के बारे में स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करें। इस आदेश में कहा गया था कि कोर्ट जरदारी से पीपीपी प्रमुख का पद छोड़ने की उम्मीद करता है। बांदियाल जरदारी के खिलाफ कोर्ट की अवमानना को लेकर कार्रवाई करने संबंधी याचिका की सुनवाई करने वाली पांच जजों की पीठ के प्रमुख हैं। उन्होंने राष्ट्रपति की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए सज्जाद को छह फरवरी तक का समय दिया है।

उन्होंने कहा कि कोर्ट इस मामले में बिना किसी देरी के निर्णय करेगा। बांदियाल ने कहा कि जब तक दोष सिद्ध नहीं हो जाता तब तक राष्ट्रपति को समन भेजने का कोई इरादा नहीं है।

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