Move to Jagran APP

सैंडी ने धकेला विभाजित जनादेश की ओर

डेटन [ओहायो]। अमेरिका का अगला राष्ट्रपति क्या लोकप्रिय वोट से नहीं बल्कि नंबर गेम से निकलेगा? अमेरिका की बंटी बिखरी राजनीति को सैंडी की तूफानी हवायें 1

By Edited By: Published: Wed, 31 Oct 2012 05:21 PM (IST)Updated: Wed, 31 Oct 2012 10:21 PM (IST)

डेटन [ओहायो]। अमेरिका का अगला राष्ट्रपति क्या लोकप्रिय वोट से नहीं बल्कि नंबर गेम से निकलेगा? अमेरिका की बंटी बिखरी राजनीति को सैंडी की तूफानी हवायें 188 साल में पाचवीं बार विभाजित जनादेश की तरफ धकेल रही हैं। तूफान केअसर से कई राज्यों में मतदान का क्रम बिगड़ना तय है, जिससे कांटे की लड़ाई और कटीली हो गई है। डेमोक्रेट प्रत्याशी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी के समर्थन की गणित और प्रमुख चुनावी सर्वेक्षणों का सबसे ताजा निष्कर्ष यह है लोकप्रियता का मत रोमनी के खाते में जा सकता है मगर राष्ट्रपति चुनने वाले राज्यवार मतों के आधार पर जीत ओबामा केहाथ रहेगी। यह अमेरिका की चुनावी व्यवस्था में खंडित जनादेश जैसा ही है।

loksabha election banner

सैंडी की हवाओं में फंसा राष्ट्रपति चुनाव मतदान से ठीक एक सप्ताह पहले दिलचस्प दौर में पहुंच गया है। 2000 का चुनाव दोहराये जाने का आकलन मजबूत होने लगा है। रिपब्लिकन जॉर्ज बुश और डेमोक्रेट अल गोर के बीच हुए उस मुकाबले में लोकप्रियता का वोट अल गोर के पक्ष में गया था, लेकिन राष्ट्रपति चुनने वाले इलेक्टोरल कॉलेज की गणित में बाजी जॉर्ज बुश के हाथ रही। फ्लोरिडा में मतों की गिनती का विवाद और अंतत: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के सहारे बुश की ताजपोशी अमेरिका केराजनीतिक इतिहास का एक अनोखा अध्याय है। ताजा चुनाव में इलेक्टोरल कॉलेज की जटिल गणित बता रही है कि जनता किसी एक प्रत्याशी को स्पष्ट जीत देने नहीं जा रही है। राष्ट्रपति चुनने वाले 538 राज्यवार मतों के इलेक्टोरल कॉलेज 270 वोट मिलने पर जीत पक्की होती है।

चुनाव अब सात राज्यों के 88 मतों पर केंद्रित है। यूएसए टुडे और वाशिगटन पोस्ट के आकलन कहते हैं कि इनमें आयोवा, नेवादा, न्यू हैंपशायर, ओहायो व विस्कांसिन में ओबामा को रोमनी पर मामूली बढ़त मिल रही है जबकि रोमनी फ्लोरिडा व नॉर्थ कैरोलिना में मजबूत हैं। दूसरी तरफ पापुलर वोट केसभी सर्वेक्षणों का निष्कर्ष कह रहा है कि लोकप्रियता में ओबामा के 46 फीसद के मुकाबले रोमनी के पास 51 फीसद मत हैं। ऐसी सूरत में अब एक-एक वोट की लड़ाई है।

हरीकेन सैंडी ने इस नजदीकी दौड़ को और करीबी कर दिया है। पूरा पूर्वी तट तूफान की चपेट में है, जहा कई राज्यों के हाथ जीत की चाबी है। यहा दोनों पक्षों को मतदान में उत्साह की उम्मीद नहीं है। तूफान का असर कम से कम बुधवार तक रहेगा इसलिए अब प्रचार के लिए केवल पाच दिन बचे हैं। ओबामा और रोमनी दोनों इस आपदा केसमय एक सीमा से अधिक राजनीति नहीं कर सकते। मीडिया की वरीयता पर भी न्यूयॉर्क में बाढ़ है न कि चुनाव प्रचार की खबरें। तूफान के मारे वोटर भी सियासत को सुनने की स्थिति में नहीं हैं।

दरअसल, सैंडी ने ओबामा और रोमनी का गहरा नुकसान किया है। तीन बहसों के बाद बढ़त बन चुकेरोमनी का पूरा अभियान ही थम गया है जबकि महत्वपूर्ण राज्यों में जीत के वोट के लिए जुटे ओबामा को अब तूफान राहत की कमान संभालनी पड़ रही है। दोनों की अभियान रणनीति अब पश्चिम व मध्य पश्चिम के राज्यों ओहायो, वर्जीनिया और न्यू हैंपशायर पर केंद्रित होगी। ओहायो में स्प्रिंगफील्ड न्यूज सन अखबार के राजनीतिक विश्लेषक बेन मैकलॉगलिन कहते हैं अब अनिश्चित वोटरों को मनाने की कोशिश बेकार है। अब अपने वोटरों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने भर का ही वक्त बचा है।

आम नहीं खास लोग चुनते हैं सबसे बडे़ लोकतंत्र का मुखिया

विशेष संवाददाता, डेटन [ओहायो] :

किसी को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि दुनिया केसबसे सशक्त लोकतंत्र के मुखिया का चुनाव वहा केलाखों मतदाताओं के सीधे वोट से होता है। अमेरिका केलोग छह नवंबर को वोट जरूर डालेंगे, लेकिन राष्ट्रपति का औपचारिक चुनाव 17 दिसंबर को होगा जब 538 इलेक्टर्स यानी चयनकर्ता औपचारिक तौर पर बताएंगे कि रोमनी जीते या ओबामा। यही इलेक्टोरल कॉलेज है जिसमें राष्ट्रपति के लिए 270 वोट जरूरी हैं। इस व्यवस्था को पुराना व गैर जरूरी मान कर खत्म करने की माग बढ़ रही है।

1787 में अमेरिका संविधान बनने के साथ ही इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी। अमेरिका दुनिया का पहला देश था जहा राष्ट्राध्यक्ष का सीधा चुनाव प्रारंभ हुआ। संविधान निर्माताओं ने यह महसूस किया था कि अगर केवल सीधे वोट से राष्ट्रपति चुना गया तो बड़े राज्यों का ही दबदबा रहेगा। इसलिए दो स्तरों वाली व्यवस्था तय हुई जिसमें लोग राष्ट्रपति का सीधा चुनाव भी करते और चयनकर्ता [इलेक्टर] भी चुनते हैं। आमतौर पर इस इलेक्टर का नाम मतपत्र पर नहीं होता। यह व्यक्ति चुनाव लड़ने वाले दल की तरफ से तय किया जाता है। चुनाव की प्रक्रिया में चार साल बाद नवंबर के दूसरे मंगलवार को वोट पड़ते हैं और लोकप्रिय वोट के आधार पर नतीजे घोषित किये जाते हैं, लेकिन निर्णय एक माह बाद इलेक्टर्स वोट के आधार पर होता है। यदि दोनों प्रत्याशियों को बराबर यानी प्रत्येक को 270 वोट मिलते हैं तो फिर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव राष्ट्रपति का चुनाव करता है।

इलेक्टोरल कॉलेज

अमेरिकी संसद के उच्चसदन यानी सीनेट में छोटे बडे़ हर राच्य से दो सदस्य आते हैं। जबकि निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में सदस्य संख्या राज्य की आबादी के आधार पर तय होती है। किसी राच्य में सीनेट और हाउस के सदस्यों की संख्या का जोड़ उसका इलेक्टोरल कॉलेज है। मसलन यदि किसी राज्य में दो सीनेट और पाच हाउस सदस्य हैं तो वहा इलेक्टोरल कॉलेज मतों की संख्यासात होगी। इस हिसाब से कैलिफोर्निया में इलेक्टोरल मतों की संख्या 55 है और वायोमिंग में तीन।

लोकप्रियता बनाम गणित

1824 : एंड्यू जैक्सन ने लोकप्रियता का वोट भी जीता और इलेक्टोरल भी, लेकिन चुनाव की दौड़ में मौजूद किसी प्रत्याशी को इलेक्टोरल कॉलेज के आधे से अधिक वोट नहीं मिले। अंतत: हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने जॉन क्विंसी एडम्स को राष्ट्रपति चुना।

1876 : सैमुएल जे टिल्डेन को पापुलर वोट मिला मगर इलेक्टोरल वोट में रदरफोर्ड हेस एक मत से आगे रहे और राष्ट्रपति घोषित किये गए।

1888 : बेंजामिन हैरिसन इलेक्टोरल वोट से जीते। ग्रोवर क्लीवलैंड पापुलर मतों में जीत कर भी हार गए।

2000 : लोकप्रियता का वोट डेमोक्रेट अल गोर के पक्ष में गया था, लेकिन राष्ट्रपति चुनने वाले इलेक्टोरल कॉलेज की गणित में बाजी रिपब्लिकन जॉर्ज बुश के हाथ रही।

रेस कोर्स

तूफान की सियासत

डेटन में मंगलवार शाम हल्की बर्फ गिर रही थी जब रिपब्लिकन मिट रोमनी सैंडी तूफान के पीड़ितों के लिए राहत जुटाने पहुंचे। छोटा सा भाषण देने के बाद राहत सामग्री की पैकिंग में लग गए। यह राहत की सियासत थी। रोमनी ने चुनाव की बात नहीं की, लेकिन उनकी टीम काम में लगी थी। कार्यक्रम स्थल के बाहर वोटरों को मनाया जा रहा था। इधर बराक ओबामा सैंडी से राहत की देखरेख में लगे हैं। उन्होंने बिजली की आपूर्ति बहाल करने को सबसे पहली वरीयता पर रखा है। मिशेल ओबामा प्रचार संभाल रही है और लोगों को पहले वोट डालने को कह रही है। ओबामा शुक्रवार को डेटन के करीब स्प्रिंगफील्ड में सभा के साथ प्रचार में वापस लौटेंगे।

2000 की याद

ओबामा समर्थकों ने ओहायो सहित प्रमुख राज्यों में एक नया विज्ञापन जारी किया है, जिसमें 537 का नंबर दिखाया जाता है। यह उस वक्त का इलेक्टोरल कॉलेज है जिसे लेकर अल गोर ओर जॉर्ज बुश के बीच कानूनी लड़ाई चली थी। ओबामा का विज्ञापन कहता है कि वोटों की इस संख्या ने अमेरिका का इतिहास बदला था और जो नहीं होना चाहिए था वह हो गया था।

तूफान और राष्ट्रपति

अमेरिका के राष्ट्रपतियों का तूफानों से बड़ा दिलचस्प रिश्ता रहा है। 2005 के कैटरीना हरीकेन के दौरान राष्ट्रपति जॉर्ज बुश की सुस्ती आलोचनाओं का सबब बनी थी। जबकि 1999 में हरीकेन फ्लायड के दौरान राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को न्यूजीलैंड का दौरा बीच में छोड़ कर वापस आना पड़ा था। 1992 में हरीकेन एंड्रयू के दौरान जॉर्ज बुश सीनियर की सुस्ती विवाद का विषय रही थी।

कैसिनो का चंदा

राष्ट्रपति के चुनाव में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट को चंदा देने वाले शीर्ष पाच लोगों की सूची बड़ी दिलचस्प है। यूएसए टुडे का एक विश्लेषण बताता है कि लॉस वेगास के प्रमुख कैसिनो के मालिक शेडन एडलसन रिपब्लिकन के प्रमुख आर्थिक मददगार रहे। एडलसन दुनिया की प्रमुख कैसिनो कंपनी लॉस वेगास सैंड्स के मालिक है और अमेरिका के 12 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं। डेमोक्रेट की सूची में शिकागो कीप्रमुख मीडिया कंपनी न्यूज वेब के मालिक फ्रेड आयचेनर सबसे ऊपर हैं। ह्यूस्टशन के वकील स्टीव मोस्टीन ने जहा ओबामा के लिए थैली खोली है वही दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन डिस्काउंट फर्म टीडी अमेरीट्रेड केमालिक जो रिकेट्स ने रिपब्लिकन पार्टी को बड़ा चंदा दिया है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.