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अलेप्पो में सभी पक्षों ने किया युद्ध अपराध

संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में बताया है कि विश्र्व विरासत स्थलों वाला यह जीता-जागता शहर कैसे तबाह हो गया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Thu, 02 Mar 2017 06:00 PM (IST)Updated: Thu, 02 Mar 2017 06:12 PM (IST)
अलेप्पो में सभी पक्षों ने किया युद्ध अपराध

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। अलेप्पो, सीरिया का सबसे बड़ा शहर। व्यवसायिक और सांस्कृतिक विरासत का केंद्र। ऐसा शहर जहां सालों पहले खूब सैलानी दिखते थे। बाजार भरे रहते थे। लेकिन, युद्ध के कारण अब यह मलबा भर रह गया है। संयुक्त राष्ट्र ने एक रिपोर्ट में बताया है कि विश्र्व विरासत स्थलों वाला यह जीता-जागता शहर कैसे तबाह हो गया। रिपोर्ट के अनुसार बीते साल लड़ाई के दौरान आम नागरिक युद्ध अपराध के शिकार हुए थे और इसमें सभी पक्ष शामिल थे।

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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल 'इंडिपेंडेंट इंटरनेशनल कमीशन ऑफ इन्क्वायरी ऑन सीरिया' ने यह रिपोर्ट तैयार की है। 37 पन्नों की यह रिपोर्ट 291 पीडि़तों और चश्मदीदों से बातचीत पर आधारित है। साथ ही फोरेंसिक सुबूत, उपग्रह से ली गई तस्वीरों, वीडियो, मेडिकल रिकॉर्ड का भी साक्ष्य के तौर पर इस्तेमाल किया गया है। समिति के अध्यक्ष पाउलो फिनहेरो ने बुधवार को बताया, लड़ाई के दौरान अलेप्पो में जिस स्तर पर हिंसा हुई उसका मिसाल मिलना मुश्किल है।

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नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाया गया। सैकड़ों बच्चों समेत हजारों लोगों की जिंदगी समाप्त हो गई।गौरतलब है कि सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल असद की सत्ता के खिलाफ 2011 से हिंसक संघर्ष चल रहा है। विद्रोही गुटों ने 2013 में पूर्वी अलेप्पो पर कब्जा कर लिया था।

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बीते साल रूस की मदद से सीरियाई सेना ने विद्रोहियों के खिलाफ अभियान शुरू किया था। साल के अंत में सेना शहर पर नियंत्रण पाने में कामयाब रही थी। इसके बाद से सीरिया में अस्थायी युद्धविराम है और दोनों पक्ष गृहयुद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत कर रहे हैं।

रिपोर्ट का सार

-सेना ने जानबूझकर शहर में बमबारी की। लोगों तक मदद नहीं पहुंच पाए, इसलिए राहतकर्मियों को भी निशाना बनाया।

-आवासीय इलाकों में पहले हेलीकॉप्टर से बैरल बम गिराए। इसके बाद सुखोई जेट विमानों ने हमला किया। आखिर में मशीनगन से जिंदा बचे लोगों पर गोलियां चलाई गई।

-जुलाई से लेकर दिसंबर 2016 के बीच सीरिया और रूस की सेना ने विरोधियों के कब्जे वाले पूर्वी अलेप्पो शहर पर रोजाना हवाई हमले किए।

-इनमें सैकड़ों लोगों की मौत हुई। अस्पताल तबाह हो गए। अनाथालय, स्कूल, घर, बाजार मलबे में बदल गए। सेना जब पूर्वी अलेप्पो में दाखिल हुई तो वहां कोई अस्पताल नहीं बचा था।

-सेना ने विद्रोहियों के इलाकों में क्लोरीन बम गिराए। क्लोरीन बम बनाना और इसका इस्तेमाल प्रतिबंधित है।

-करीब 5,000 सैनिकों ने पूर्वी अलेप्पो को घेर रखा था। विरोधियों के सामने समर्पण करने या भूखे मरने की शर्त रखी गई थी।

-विद्रोहियों ने नागरिकों को ढाल के तौर पर इस्तेमाल किया। शहर से बाहर जाने से रोकने के लिए बेगुनाहों को गोली मारी गई।


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