सोनिया के दावे की जांच के लिए सिख समूह ने मांगा समय
ब्रुकलिन की संघीय अदालत ने एक सिख समूह को सोनिया गांधी की याचिका पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए छह फरवरी तक का समय दिया है। गांधी ने अपने खिलाफ 19
न्यूयॉर्क। ब्रुकलिन की संघीय अदालत ने एक सिख समूह को सोनिया गांधी की याचिका पर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए छह फरवरी तक का समय दिया है। गांधी ने अपने खिलाफ 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मानवाधिकार उल्लंघन मामले को खारिज करने के लिए अदालत में याचिका दर्ज कराई है।
न्यूयॉर्क स्थित सिख अधिकार समूह सिख्स फॉर जस्टिस [एसजेएफ] ने अदालत से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में सोनिया को अदालत में पेश होने का आदेश दे। समन प्राप्त नहीं होने के आधार पर गत दो जनवरी को दाखिल अपनी याचिका के समर्थन में गांधी ने गत 13 जनवरी को अदालत में एक घोषणा पत्र दाखिल करते हुए कहा था कि वह तीन सितंबर से नौ सितंबर के बीच अमेरिका में नहीं थीं।
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एसजेएफ ने गुरुवार को न्यायाधीश ब्रायन एम कॉगन से यह जांच करने के लिए समय मांगा है कि गांधी ने दो सितंबर से नौ सितंबर के बीच अमेरिका की यात्रा की थी या नहीं। एसजेएफ के वकील गुरुपतवंत एस पन्नुन ने दावा किया है कि बीते साल नौ सितंबर को न्यूयॉर्क स्थित मेमोरियल सलोन केटरिंग कैंसर सेंटर के सुरक्षा कर्मचारियों को समन पहुंचाया गया था। समझा जाता है कि सोनिया गांधी उस दिन अस्पताल में इलाज कराने के लिए आई थी।
पन्नुन ने कहा कि समूह ने अदालत से सोनिया गांधी को अदालत में पेश होने न्यूयॉर्क स्थित ईस्टर्न डिस्ट्रिक्ट की संघीय अदालत ने सितंबर, 2013 को एसजेएफ द्वारा दायर याचिका के आधार पर सोनिया गांधी के खिलाफ समन जारी किया था। यह समन गांधी को 1984 के सिख विरोधी दंगों में कथित रूप से शामिल पार्टी नेताओं कमल नाथ, सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और अभिनेता अमिताभ बच्चन को बचाने के मामले में जारी किया गया है।
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