विदेश सचिव एस. जयशंकर ने कहा, भारत-अमेरिका दोस्ती की राह में कोई बाधा नहीं
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच औपचारिक तौर पर विस्तृत बातचीत हुई है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता संभालने के बाद भारत और अमेरिका के रिश्तों को लेकर जो भी संदेह उभरे थे उसे ट्रंप प्रशासन के आला अधिकारियों ने एक सिरे से खारिज कर दिया है। पिछले तीन दिनों के दौरान विदेश सचिव एस जयशंकर की ट्रंप सरकार के वाणिज्य मंत्री विलबुर रॉस, आतंरिक सुरक्षा मंत्री जॉन एफ केली, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एच आर मैकमास्टर व विदेश सचिव रेक्स टिलॉरसन के अलावा कई अमेरिकी सांसदों के साथ मुलाकात के दौरान द्विपक्षीय रिश्तों के भविष्य को लेकर सिर्फ सकारात्मक संकेत दिए गए हैं। ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार दोनों देशों के बीच औपचारिक तौर पर विस्तृत बातचीत हुई है।
अमेरिका दौरे के समापन पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने बताया है कि ट्रंप प्रशासन के प्रतिनिधियों से अलग अलग मुलाकातों के दौरान दोनों देशों को प्रभावित करने वाले हर मुद्दों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मामलों पर भी चर्चा हुई है। साउथ चीन सी पर भी बात हुई है तो अफगानिस्तान के हालात व आतंकवाद पर भी विचार विमर्श हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस तरह से अमेरिका की पिछली तीन सरकारों ने भारत के साथ रिश्तों को लगातार बढ़ाया है, ट्रंप सरकार भी उसी तरह से भारत सरकार के साथ मिल कर काम करने को इच्छुक है।
यह भी पढ़ें: अमेरिकी एनएसए व प्रतिनिधि सभा के स्पीकर से मिले जयशंकर
जयशंकर से जब यह पूछा गया कि भविष्य को लेकर दोनों देशों के क्या लक्ष्य हैं तो उनका जवाब था कि, मैं इसे दो तरह से परिभाषित करूंगा। एक राजनीतिक सुरक्षा व रक्षा सहयोग में, जहां हमें यह यकीं है कि यह सरकार उन सभी मुद्दों पर आगे बढ़ना चाहती है जिस पर दोनों देश अभी तक विचार के तौर पर बात कर रहे थे। दूसरा आर्थिक क्षेत्र हैं जहां सहयोग के लिए और निवेश बढ़ाने को लेकर काफी रुचि दिखाई गई है।
उच्चस्तरीय दौरों की शरूआत
विदेश सचिव ने अमेरिका यात्रा के तुरंत बाद ही दोनों देशों के बीच शीर्षस्तरीय दौरों की शुरुआत होने को लेकर सहमति बन गई है। अगले दो से तीन महीने के भीतर पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका जाने के अलावा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भी इस वर्ष के अंत तक भारत दौरे पर आने की संभावना है। इसके अलावा दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक व रणनीतिक सहयोग को लेकर भी वार्ताओं का नया सिलसिला शुरु होगा। इसके लिए अमेरिका के वाणिज्य सचिव और विदेश सचिव के जल्द ही भारत आने के आसार हैं ताकि ट्रंप प्रशासन के साथ पहली रणनीतिक वार्ता को आगे बढ़ाया जा सके। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल के भी ऊर्जा सहयोग पर वार्ताओं को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही अमेरिका जाने के आसार हैं।
यह भी पढ़ें: जयशंकर और टिलरसन की बैठक में दोनों ने आतंक को बड़ी चुनौती माना