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नेपाल में गृहयुद्ध जैसे हालात, सेना ने संभाली कमान

नेपाल में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। संविधान के मसौदे और सात प्रांतों के गठन के विरोध में बीते दो हफ्ते से चल रहे मधेशी आंदोलन की तपिश बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार को गौर में पुलिस फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। करीब एक

By Rajesh NiranjanEdited By: Published: Wed, 26 Aug 2015 03:34 AM (IST)Updated: Wed, 26 Aug 2015 08:09 AM (IST)
नेपाल में गृहयुद्ध जैसे हालात, सेना ने संभाली कमान

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। नेपाल में गृहयुद्ध जैसे हालात पैदा हो गए हैं। संविधान के मसौदे और सात प्रांतों के गठन के विरोध में बीते दो हफ्ते से चल रहे मधेशी आंदोलन की तपिश बढ़ती ही जा रही है। मंगलवार को गौर में पुलिस फायरिंग में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। करीब एक दर्जन जिलों में कफ्र्यू लगा दिया गया है। हालात पर काबू पाने के लिए सेना की तैनाती की गई है।

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पश्चिमी तराई जिले कैलाली को दंगाग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है। जिले के टीकापुर में सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने 17 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। हिंसा में 18 माह के बच्चे सहित चार लोगों की भी मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश से लगी भारत-नेपाल सीमा को भी सुरक्षा कारणों से सील कर दिया गया है। सीमावर्ती जिलों महाराजगंज, पीलीभीत, गोंडा, सिद्धार्थनगर, बहराइच और बलरामपुर जिलों में अधिक सतर्कता बरती जा रही है। सीमा सुरक्षा बल के जवान किसी को भी नेपाल नहीं जाने दे रहे हैं।

मधेश प्रभावित जिले झापा, मोरंग, सुनसरी, सप्तसरी, किरहा, धनुषा, चितवन, नवलपरासी, रूपन्देही, दांग, कपिलवस्तु में दुकानें बंद हैं। अस्पताल को छोड़कर सभी सरकारी कार्यालय बंद है। रोजमर्रा के सामानों की किल्लत आन पड़ी है। सेना की तैनाती के बावजूद इन जगहों पर मंगलवार को भी प्रदर्शन हुए। भारत के रास्ते नेपाल जाने वाले पर्यटक भी सीमावर्ती क्षेत्रों में फंसे हैं। बड़ी संख्या में पर्यटक नेपाल में भी अटके हैं।

मोदी ने दी संयम की सलाह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीकापुर में हिंसा पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने नेपाल सरकार को संयम बरतते हुए हिंसा पर काबू पाने की सलाह दी है। भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि फोन पर अपने नेपाली समकक्ष सुशील कोइराला के साथ मोदी ने इस मुद्दे पर बात की। मोदी ने पड़ोसी मुल्क के सभी राजनीतिक दलों और जनता से हिंसा छोड़कर सामाजिक सौहार्द का मार्ग अपनाने की अपील की है।

हिंसा की वजह

नेपाल में इस हिंसा की दो मुख्य वजहें हैं। पहली वजह भारत की सीमा से सटे हिंदी भाषी इलाकों के लोगों के अधिकार में कटौती। दूसरी वजह अलग थारु राज्य की मांग।

कौन हैं मधेशी?

नेपाल में भारत की सीमा से सटे इलाके में बसे लोगों को मधेशी कहा जाता है। भारत की सीमा और पहाड़ के बीच के इलाके को नेपाल में मध्य देश कहा जाता है। इसी से मधेशी शब्द का जन्म हुआ है। 2011 की जनगणना के मुताबिक नेपाल में 51 फीसद आबादी मधेशियों की है। नेपाली के अलावा मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका इस क्षेत्र की मुख्य भाषा है।


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