थाइ प्रधानमंत्री ने रखा सुधार परिषद का प्रस्ताव
थाइलैंड की संकटग्रस्त प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा ने बुधवार को राष्ट्रीय सुधार परिषद की स्थापना का प्रस्ताव रखा। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि वह सुधार को लेकर ईमानदार नहीं हैं।
बैंकाक। थाइलैंड की संकटग्रस्त प्रधानमंत्री यिंगलुक शिनवात्रा ने बुधवार को राष्ट्रीय सुधार परिषद की स्थापना का प्रस्ताव रखा। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया और कहा कि वह सुधार को लेकर ईमानदार नहीं हैं।
यिंगलुक सरकार को सत्ता से बेदखल किए जाने की मांग को लेकर पिछले करीब एक महीने से प्रदर्शन किए जा रहे हैं। विपक्षी डेमोक्रेट पार्टी समर्थित सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने दो फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले सुधारों की मांग की है। टेलीविजन पर अपने संबोधन में यिंगलुक ने कहा कि सुधारों और भ्रष्टाचार रोधी उपायों की सिफारिश करने वाली प्रस्तावित परिषद की स्थापना चुनाव के समांतर की जाएगी। चुनाव के बाद बनने वाली सरकार इस परिषद के लगातार काम करने को लेकर प्रतिबद्ध होगी। इसके साथ ही उन्होंने समाज के सभी वर्गो से देश में जारी राजनीतिक संकट के समाधान के लिए इसमें शामिल होने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात से सहमत है कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता है।
देश की अंतरिम प्रधानमंत्री यिंगलुक ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार इस परिषद में शामिल नहीं होगी। इस पर प्रदर्शनकारियों के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रस्तावित परिषद यिंगलुक के प्रभाव में रहेगी। यकीनन इसमें वह दखल देंगी। सरकार विरोधी प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व उप प्रधानमंत्री सुथेप पहले ही उनके इस विचार को खारिज कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि यिंगलुक को इस्तीफा दे देना चाहिए। जबकि दो फरवरी को होने वाले आम चुनाव का पहले ही डेमोक्रेट पार्टी बहिष्कार कर चुकी है।
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