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कूड़ाघर बनता जा रहा है दक्षिणी ध्रुव

बर्लिन। मानवीय प्रयोगों और परीक्षणों के चलते दक्षिणी ध्रुव कूड़ाघर में तब्दील होता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न प्रकार के अध्ययन के सिलसिले में दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाले शोधकर्ता वहां कचरा, तेल के डिब्बे, कार की बैट्री और कई खतरनाक रसायन छोड़ आते हैं। इससे यह स्थान कूड़ाघर बनता जा रहा है। इस रि

By Edited By: Published: Sun, 10 Feb 2013 09:43 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2013 09:45 PM (IST)
कूड़ाघर बनता जा रहा है दक्षिणी ध्रुव

बर्लिन। मानवीय प्रयोगों और परीक्षणों के चलते दक्षिणी ध्रुव कूड़ाघर में तब्दील होता जा रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक विभिन्न प्रकार के अध्ययन के सिलसिले में दक्षिणी ध्रुव पर जाने वाले शोधकर्ता वहां कचरा, तेल के डिब्बे, कार की बैट्री और कई खतरनाक रसायन छोड़ आते हैं। इससे यह स्थान कूड़ाघर बनता जा रहा है।

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इस रिपोर्ट के सह-लेखक यूनिवर्सिटी जेना के हैंस यूलरिक पीटर के मुताबिक अंटार्कटिक में यह एक आम समस्या बनती जा रही है। उसमें भी किंग जॉर्ज आइलैंड की स्थिति सबसे ज्यादा सोचनीय है। यह आइलैंड अंटार्कटिक से 120 किमी की दूरी पर है। यह आइलैंड फाइल्ड्स पेनिनसुला के पास ही है जहां 1983 से अब तक नियमित रूप से परिस्थिति विज्ञानी शोध कर रहे हैं। फाइल्ड्स पेनिनसुला, अंटार्कटिक के बर्फ मुक्त सबसे बड़े भू-भागों में से एक है। जहां के वातावरण में काफी विभिन्नता पाई जाती है। यूनिवर्सिटी जेना के मुताबिक बीते 30 सालों में दक्षिणी धु्रव पर मानव का दखल काफी बढ़ा है। इसके चलते यहां की पारिस्थितिकी तंत्र पर काफी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

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